गैरसैंण जनता खुणि चुसणा च
जब बिटेन उत्तराखंड अन्दोलनै पवाण लग अर राज्यौ राजधनी छ्वीं लगी होली त गैरसैंण कु इ नाम गणेंगे। गैरसैंण राजधानी त नि बौण सौक। पण, कथगों खुणि गैरसैंण भौत कुछ च। म्यार दिखण मा त हैंको जलम तक गैरसैंण सब्युं खुणि कुछ ना कुछ त रालों इ।
उत्तराखंड क्रान्ति दलौ (उक्रांद) कुण त गैरसैंण बिजणै दवा च, दारु च, इंजेक्सन च। गैरसैंण उक्रान्दौ आँख उफर्ने पाणि छींटा च, गैरसैंण उक्रान्दौ की निंद बर्र से बिजाळणे बान कंडाल़ो झुप्पा च, घच्का च। कत्ति त बुल्दन बल गैरसैंण आईसीयू च। ज्यूंद रौणे एकी दवा च। गैरसैंण नामै या दवा नि ह्वाऊ त उक्रांद कि कै दिन डंड़ोळी सजी जांदी। गैरसैंण उक्राँदै खुणि कृत्रिम सांसौ बान ऑक्सीजन च। दिवाकर भट्ट जन नेता कुण गैरसैंण अपण दगड्या, अपण बोटरूं, जनता, तै बेळमाणो ढोल च, दमौ च, मुसक्बाज च। दिवाकर भट्ट जन नेतौं कुण सब्युं तैं बेवकूफ बणाणो माध्यम च गैरसैंण।
उत्तराखंड मा नै राजकरण्या (राजनैतिक) पार्टी कुणि गैरसैंण राजकरणि क थौळ मा आणो कुणि कंधा च, सीडी च, खाम च, पुळ च, भुम्या च, भैरब च अर जनी काम निकळीगे तन्नी गैरसैंण तैं गैरो गदन मा दफनै जालो। जब दिल्ली या मुंबई सरीखा जगा बिटेन उत्तराखंड क बान नै राजकरण्या पार्टी बणाण ह्वाऊ त गैरसैंण दगड पल्लाबंद करण मा शरम ल्याज क्येकी ? उत्तराखंड का राष्ट्रीय अर प्रांतीय अखब़ारूं कुणि गैरसैंण की खबर क्वी खबर नी च, बस कखिम भितर खज्जी, बबासीर कि दवा क विज्ञापन नि मिलन त वीं जगा मा गैरसैण अखबरूं मा छपे जांद। अड़गें (स्थानीय, आंचलिक) अखब़ारूं सम्पद्कुं, लिख्व्वारूं खुणि गैरसैंण बाछी क काँध च। जब क्वी काम नि ह्वाऊ त बाछी क काँध मलासी द्याओ।
पहाड़ी बुद्धिजीव्युं जु पहाड़ मा ह्वावन या उत्तराखंड से दूर दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, या फार अमेरिका, कनाडा मा ह्वावन ऊं बुद्धिजीव्युं कुण मगज शांत करणो बान या समौ बितौणो, टैम पास करणो बान गैरसैंण तास कि गडि च, चौपड़ च, खेल च। अफु तैं अफिक बौगाणो बान खिल्वणि च। कांगेसी या भारतीय जनता पार्टी वलूँ कुण गैरसैंण कि अवाज पहाडी जनता की अवाज नी च, बलकण मा कै ख्ज्जी से त्रस्त-परेसान, लंडेर कुकुर की अवाज च अर इन अवाज पर टक्क लगाण या ध्यान दीण राजनीती मा बेवकूफी माने जांद। जनता त राजनीती वलूं दियुं चुसणा तैं इलै चुस्णी च बल सैत च ये चुसणा मा दूध हो।
Copyright@ Bhishma Kukreti