डायरी
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बदलाव, अवसरवाद और भेडचाल
अवसरवाद नींव से लेकर शिखर तक दिख रहा है। वैचारिक अस्थिरता के कारण, नेता ही नहीं, पूर्व अफसर और अब…
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गिरगिट, अपराधबोध और कानकट्टा
आज सुबह से ही बड़ा दु:खी रहा। कहीं जाहिर नहीं किया, लेकिन वह बात बार-बार मुझे उलझाती रही, कि क्या…
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बारिश में भीगता दिन
बीती रात से ही मूसलाधार बारिश रुक रुककर हो रही थी. सुबह काम पर निकला तो शहरभर में आम दिनों…
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’श्रीहरि’ का ध्यान नहीं लग रहा
मैं जब 1995 में सीमान्त क्षेत्र बदरीनाथ पहुंचा था। तो यहां के बर्फीले माहौल में पहाड़ लकदक दिखाई देते थे।…
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