नजरिया
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पृथ्वी दिवस पर घरों में बंद दुनिया
डॉ. अतुल शर्मा आज धरती को रहने योग्य बनाये रखने के संकल्प का दिन। यह सांकेतिक है। धरती पर प्रदूषण…
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सिर्फ ‘निजाम’ दर ‘निजाम’ बदलने को बना उत्तराखंड?
धनेश कोठारी/ युवा उत्तराखंड के सामने साढे़ 17 बरस बाद भी चुनौतियां अपनी जगह हैं। स्थापना के दिन से ही…
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उत्तराखंड में राजनीतिक महत्वाकांक्षा का फ्रंट !
धनेश कोठारी – उत्तराखंड की राजनीति नई करवट बदलने को है। इसबार जिस नए मोर्चे की हलचल सामने आई है,…
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हमें सोचना तो होगा…!!
दिल्ली में निर्भया कांड के बाद जिस तरह से तत्कालीन केंद्र सरकार सक्रिय हुई, नाबालिगों से रेप के मामलों पर…
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गैरसैंण से ऐसी ‘दिल्लगी’ ठीक नहीं
जब नेता ‘बहरूपिये’, अफसर ‘मौकापरस्त’ और जनता ‘मूर्ख’ हो जाए तो राजधानी के सवाल का स्थायी हल मिलना मुश्किल ही…
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सिर्फ आलोचना करके तो नहीं जीत सकते
उत्तराखंड क्रांति दल खुद को अपनी ‘आंदोलनकारी संगठन’ की छवि से मुक्त कर एक जिम्मेदार और परिपक्व राजनीतिक पार्टी के…
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कलह से धीमी हुई डबल इंजन की रफ्तार
हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तराखंड दौरे पर भले ही सरकार के छह महीने के कार्यकाल…
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किसे है सभ्य बने रहने की जरुरत
जमाने के साथ बदलते पहाड़ी संगीत के बहाने कई बार बहसें शुरू हुई। उनके अब तक भले ही पूरी तरह…
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लोक स्वीकृत रचना बनती है लोकगीत
लोकगीतों के संदर्भ में कहा जाता है, कि लोक जीवन से जुड़ी, लोक स्वीकृत गीत, कृति, रचना ही एक अवधि के बाद स्वयंमेव लोकगीत बन…
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नई लोकभाषा का ‘करतब’ क्यों ?
उत्तराखण्ड को एक नई भाषा की जरुरत की बात कई बार उठी। यह विचार कुछ वैसा ही है जैसे राज्य…
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