सरोकार
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अब नहीं दिखते पहाड़ के नए मकानों में उरख्याळी गंज्याळी
– डॉ. सुनील दत्त थपलियाल ओखली अब हिन्दी की किताबों में ‘ओ’ से ओखली के अलावा शायद ही कहीं देखने…
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महज 4 खेतों में उगा दी 27 तरह की फसलें
हिमालयी राज्य उत्तराखंड में ‘‘चिपको’’ और ‘‘बीज बचाओ’’ आंदोलन की प्रयोग भूमि जनपद टिहरी की ‘‘हेंवल घाटी’’ का रामपुर गांव।…
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मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं…! (भाग – 2)
हां, मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं! मैं अब बूढ़ा हो चला हूं। लेकिन मैं इतना कमजोर भी नहीं की मृत्यु के…
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मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं..!
मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं..! पहचाना मुझे… क्यों नहीं पहचानोगे… आखिर आपने और आपकी पीढ़ियों ने एक नहीं बल्कि कई बार…
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उत्तराखंड में पारंपरिक बीज भंडारण विधियां और उपकरण
मेरे लिए उत्तराखंड अपने अद्भुत व समृद्ध पारंपरिक ज्ञान के लिए हमेशा से एक शोध का विषय रहा है आज…
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नई इबारत का वक्त
हाल के वर्षों में पहाड़ों में रिवर्स माइग्रेशन एक उम्मीद बनकर उभरा है। प्रवासी युवाओं का वापस पहाड़ों की तरफ…
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बारहनाजा : पर्वतजनों के पूर्वजों की सोच की उपज
डा0 राजेन्द्र डोभाल उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य तथा अनुकूल जलवायु होने के कारण एक कृषि प्रधान राज्य भी माना जाता…
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पहाड़ फिर करवट ले रहा है
पहाड़ फिर करवट ले रहा है। युवा चेतना के साथ। वह बेहतर समाज के सपने संजोना चाहता है। वह समतामूलक…
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खाली होते गांवों से कैसे बचेगा हिमालय !
पलायन रोकने की न नीति न प्लान, तो फिर हिमालय दिवस पर कोरे संकल्प क्यों? उत्तराखंड में हाल में ‘हिमालय को…
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