Month: October 2010
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1925 से 1950 का काल
सामाजिक स्थिति तो वही रही किन्तु स्थितियों में गुणकारक वृद्धि हुई। याने की शिक्षा वृद्धि, उच्च शिक्षा के प्रति प्रबल…
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1850 ई. से 1925 ई. तक
गढवाली में आधुनिक कविताएँ लिखने का आरम्भ ब्रिटिशकाल में ही शुरू हुआ। हाँ 1875 ई. के बाद प. हरिकृष्ण रुडोला,…
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पूर्व – आधुनिक काल
गढवाली साहित्य का आधुनिक काल 1850 ई. से शुरू होता है। किन्तु आधुनिक रूप में कविताएँ पूर्व में भी रची…
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आधुनिक कविता का इतिहास
यद्यपि गढवाली कविता कि समालोचना एवं कवियों कि जीवनवृति लिखने कि शुरुआत पंडित तारादत्त गैरोला ने 1937 ई. से की…
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यात्रा-पर्यटन
परम्पराओं में निहित लोक कल्याण
श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने और बंद किये जाने की मान्य परम्पराओं के तहत ज्योतिषीय गणनाओं में लोक कल्याण…
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नाथ संप्रदायी साहित्य का प्रभाव
चूँकि गढवाल में नाथ सम्प्रदाय का प्रादुर्भाव सातवीं सदी से होना शुरू हो गया था और इस साहित्य ने गढ़वाल…
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नाथपंथी साहित्य सन्दर्भ
बगैर नाथपंथी साहित्य सन्दर्भ रहित लेख गढवाली कविता इतिहास नहीं डा. विष्णु दत्त कुकरेती के अनुसार नाथ साहित्य में ढोलसागर,…
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लोकसाहित्य में मनोविज्ञान एवं दर्शन
नाथपन्थी साहित्य और गढ़वाली लोकसाहित्य में मनोविज्ञान एवम दर्शनशास्त्र नाथपंथी साहित्य आने से गढवाली भाषा में मनोविज्ञान और दर्शनशास्त्र की…
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गढ़वाली की आदिकाव्य शैली
गढवाली भाषा का आदिकाव्य (Prilimitive Poetry) बाजूबंद काव्य है जो की दुनिया की किसी भी भाषा कविता क्षेत्र में लघुतम…
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आधुनिक गढ़वाळी कविता का इतिहास
गढवाली भाषा का प्रारम्भिक काल गढवाली भाषायी इतिहास अन्वेषण हेतु कोई विशेष प्रयत्न नही हुए हैं, अन्वेषणीय वैज्ञानिक आधारों पर…
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