Month: December 2015
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संस्कृति
देवतुल्य हैं ढोल दमौऊं
पहाड़ी लोकवाद्य ढोल दमौऊं को देवतुल्य माना गया है। दुनिया का यही एकमात्र वाद्य है जिसमें देवताओं को भी अवतरित…
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किसे है सभ्य बने रहने की जरुरत
जमाने के साथ बदलते पहाड़ी संगीत के बहाने कई बार बहसें शुरू हुई। उनके अब तक भले ही पूरी तरह…
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गेस्ट-कॉर्नर
नई ऊर्जा, नई दिशा और नया आकाश
तुंगनाथ मंदिर में नौबत बजाने वाले लोक कलाकार मोलूदास के अंतिम क्षणों में हमें जो बात सबसे अधिक आहत कर…
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