Month: July 2019
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इ ब्यठुला – इ जनना (गढ़वाली)
गीत (अनुवादित) / पयाश पोखड़ा // ************************* इ ब्यठुला इ जनना कै भि चीजि की खत-पत खत्ता फोळ नि करदा…
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गढ़वाली भाषा के हित के लिए व्यापक दृष्टि सर्वोपरी
नरेन्द्र कठैत // अक्सर सुनने में आता है कि हम हिंदी भाषा के आचार व्यवहार में तालव्य ‘श’ का उच्चारण…
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तय करो किस ओर हो तुम
बल्ली सिंह चीमा // तय करो किस ओर हो तुम तय करो किस ओर हो । आदमी के पक्ष में…
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तमsलि़ उंद गंगा: सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेज़
आशीष सुंदरियाल // आज के समय में जब हमें ‘अबेर’ नहीं होती बल्कि हम ‘late’ हो रहे होते हैं, हम…
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मजबूत इच्छाशक्ति से मिला ‘महेशानन्द को मुकाम
डॉ. अरुण कुकसाल // ‘गांव में डड्वार मांगने गई मेरी मां जब घर वापस आई तो उसकी आखें आसूओं से…
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संस्कृति
पहाड़ के लोकजीवन में रची बसी रोपणी
संजय चौहान // पहाड़ के लोकजीवन मे अषाड़ महीने का सदियों से गहरा नाता रहा…
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