Year: 2010
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गढ़वाली-कविता
बिगास (गढवाली कविता)
ब्वै का सौं ब्याळी ही अड़ेथेल छौ मिन् तुमारा गौं खुणि बिगास परसी त ऐ छा मैंमु तुमारा मुल्क का…
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गढ़वाली-कविता
बोली-भाषा (गढवाली कविता)
नवाणैं सि स्याणि छौं गुणदारौं कू गाणि छौं बरखा कि बत्वाणी छौं मंगरौं कू पाणि छौं निसक्का कि ताणि छौं…
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