Year: 2010
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काव्य आन्दोलनों का युग 1976- से 2010 तक
सन 1976 से 2010 तक भारत को कई नए माध्यम मिले और इन माध्यमों ने गढ़वाली कविता को कई तरह…
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अनसिक्योर्टी (गढ़वाली कविता)
डाल्यों फरैं अंग्वाळ बोट ताकि, डाल्यों तैं अनसिक्योर्टी फील न हो Copyright@ Dhanesh Kothari
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गढ़वाली-कविता
मेरि पुंगड़्यों (गढ़वाली कविता)
मेरि पुंगड़्योंहौरि धणि अब किछु नि होंदपण, नेता खुब उपजदन् मेरि पुंगड़्योंबीज बिज्वाड़खाद पाणिलवर्ति-मंड्वर्तिकिछु नि चैंदस्यू नाज पाणिडाळा बुटळाखौड़ कत्यार…
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1951 से 1975 तक
सारे भारत में स्वतंत्रता उपरान्त जो बदलाव आये वही परिवर्तन गढ़वाल व गढ़वाली प्रवासियों में भी आये, स्वतंत्रता का सुख,…
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इतिहास में एक मील का पत्थर
प्रिय मित्रों आप को खुशी होगी कि चिट्ठी पत्री का एक प्रसिद्ध विशेष कविता विशेषांक प्रकाशित होने की इन्तजार में…
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1925 से 1950 का काल
सामाजिक स्थिति तो वही रही किन्तु स्थितियों में गुणकारक वृद्धि हुई। याने की शिक्षा वृद्धि, उच्च शिक्षा के प्रति प्रबल…
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1850 ई. से 1925 ई. तक
गढवाली में आधुनिक कविताएँ लिखने का आरम्भ ब्रिटिशकाल में ही शुरू हुआ। हाँ 1875 ई. के बाद प. हरिकृष्ण रुडोला,…
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पूर्व – आधुनिक काल
गढवाली साहित्य का आधुनिक काल 1850 ई. से शुरू होता है। किन्तु आधुनिक रूप में कविताएँ पूर्व में भी रची…
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आधुनिक कविता का इतिहास
यद्यपि गढवाली कविता कि समालोचना एवं कवियों कि जीवनवृति लिखने कि शुरुआत पंडित तारादत्त गैरोला ने 1937 ई. से की…
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