Month: January 2011
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विविध
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रैबार पहाड़ का सब्बि लोखूं तैं..
पहाड़ का सब्बि खास अर आम लोखूं से आग्रह 2011 कि जनगणना शुरू ह्वेगे। ईं जनगणना मा सामाजिक, आर्थिक, आधारूं…
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नगर पालिका ऋषिकेश से मिले सम्मान के प्रतीक
नगरपालिका परिषद ऋषिकेश द्वारा साहित्य के लिए समर्पित स्व. डा. पार्थ सारथि (डबराल) सम्मान 26 जनबरी 2011
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इंटरव्यू
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गैरसैंण जनता खुणि चुसणा च
जब बिटेन उत्तराखंड अन्दोलनै पवाण लग अर राज्यौ राजधनी छ्वीं लगी होली त गैरसैंण कु इ नाम गणेंगे। गैरसैंण राजधानी…
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न्युतो
दगड्यों! पैथ्राक दस सालों बटि नामी-गिरामी चिट्ठी-पतरी(गढ़वळी पत्रिका) कि गढ़वळी भाषै बढ़ोत्तरी मा भौत बड़ी मिळवाक च। यीं पतड़ीन् गढ़वळी…
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गढवाल में मकरैण (मकर संक्रांति) और गेंद का मेला
गंगासलाण याने लंगूर, ढांगु, डबरालस्युं, उदयपुर, अजमेर में मकरसंक्रांति का कुछ अधिक ही महत्व है। सेख या पूस के मासांत…
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क्या नपुंसकों की फ़ौज गढ़वाली साहित्य रच रही है ?
जो जीवविज्ञान की थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं वे जानते हैं कि, जीव-जंतुओं में पुरुष कि भूमिका एकांस ही होती…
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आलेख
टिहरी बादशाहत का आखिरी दिन
टिहरी आज भले ही अपने भूगोल के साथ उन तमाम किस्सों को भी जलमग्न कर समाधिस्थ हो चुकी है। जिनमें…
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