Month: August 2011

  • हाल (गढ़वाली कविता)

    दाऽस्यु बीतिआजादी कुपचासुं सालऊंड फुंड्वाखादी झाड़िकबणिगेन मालामाल/ अरहम स्यु छवांआज बिथेकळौं पर थेकळा धारिकुगत, कुहाल/ अरकंगाल Source : Jyundal (A…

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