Month: February 2012
भाषाई विरासत को बचाना बड़ी चुनौती
धाद : लोकभाषा एकांश द्वारा आयोजित ‘आखिर कैसे बचेंगी लोकभाषाएं’ व्याख्यान माला-4 समाज और सरकार दोनों स्तरों पर उत्तराखंड की…
Read More »बुडया लापता : रौंस दिलंदेर हंसोड्या स्वांग फाड़ी – १
मुंबई का सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, लिखवार, स्वांगकर्ता भग्यान दिनेश भारद्वाज , अर सामाजिक कार्यकर्ता रमण कुकरेती को लिख्युं नाटक ‘बुडया…
Read More »खाडू लापता नाटक : अंध विश्वासुं पर कटाक्ष
ललित मोहन थपलियाल जी कु लिख्युं एकांकी’ खडू लापता ‘ गढवाळ ऐ जिंदगी कु भौत इ सजीव चित्रण प्रस्तुत करदो…
Read More »गिरीश सुंदरियालौ नाटक असगार मा चरित्र चित्रण – फाड़ी -१
इकीसवीं सदी क गढ़वाळी स्वांग/नाटक -२ ‘असगार’ गिरीश सुन्दरियालौ स्वांग खौळ ‘असगार’ मादे एक स्वांग च . हाँ असगार मा…
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