Year: 2014
मैं हंसी नहीं बेचता
जी हांमैं हंसी नहीं बेचतान हंसा पाता हूं किसी कोक्योंकि मुझे कई बारहंसने की बजाए रोना आता है हंसने हंसाने…
Read More »गैरा बिटि सैंणा मा
उत्तराखण्ड की जनसंख्या के अनुपात में गैरसैंण राजधानी के पक्षधरों की तादाद को वोट के नजरिये से देखें तो संतुष्ट…
Read More »लंपट युग में आप और हम
बड़ा मुश्किल होता है खुद को समझाना, साझा होना और साथ चलना। इसीलिए कि ‘युग’ जो कि हमारे ‘चेहरे’…
Read More »वह आ रहा है अभी..
कुछ लोग कह रहे हैंतुम मत आओवह आ रहा है अभी उसके आने से पहलेतुम आओगे, तोकुछ नहीं बदलेगा यहां-वहांन…
Read More »भ्रष्टाचार, आदत और चलन
समूचा देश भ्रष्टाचार को लेकर आतंकित है, चाहता है कि भ्रष्टाचार खत्म् हो जाए। मगर, सवाल यह कि भ्रष्टाचार आखिर…
Read More »हां.. तुम जीत जाओगे
हां.. निश्चित हीतुम जीत जाओगेक्योंकि तुम जानते होजीतने का फनसाम, दाम, दंड, भेद तुम्हें सिर्फ जीत चाहिएएक अदद कुर्सी के लिएजिसके…
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आजकल
बदलाव, अवसरवाद और भेड़चाल
अवसरवाद नींव से लेकर शिखर तक दिख रहा है। वैचारिक अस्थिरता के कारण, नेता ही नहीं, पूर्व अफसर और अब…
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आजकल
गिरगिट, अपराधबोध और कानकट्टा
आज सुबह से ही बड़ा दु:खी रहा। कहीं जाहिर नहीं किया, लेकिन वह बात बार-बार मुझे उलझाती रही, कि क्याक…
Read More » लो अब मान्यता भी खत्म
लो अब उक्रांद की राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की मान्यता भी खत्म हो गई है। तो मान्यता खत्म होने के…
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