Month: October 2015
हे रावण
रावणतुम अब तक जिंदा हो,तुम्हें तो मार दिया गया था त्रेता में. …उसके बाद भीसदियों से तुम्हें जलाते आ रहे…
Read More »जै दिन
जै दिन मेरा गोरू तेरि सग्वाड़यों, तेरि पुंगड़यों उजाड़ खै जाला जै दिन झालू कि काखड़ी चोरे जालि जै दिन…
Read More »जब प्रेम में जोगी बन गया एक राजा
राजुला-मालूशाही पहाड़ की सबसे प्रसिद्ध अमर प्रेम कहानी है। यह दो प्रेमियों के मिलन में आने वाले कष्टों, दो जातियों, दो देशों, दो…
Read More »वुं मा बोली दे
गणेश खुगसाल ‘गणी’ गढ़वाली भाषा के लोकप्रिय और सशक्त कवि हैं। ‘वुं मा बोली दे’ उनकी प्रकाशित पहली काव्यकृति है। शीर्षक…
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