Year: 2018
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आजकल
गैरसैंण से ऐसी ‘दिल्लगी’ ठीक नहीं
जब नेता ‘बहरूपिये’, अफसर ‘मौकापरस्त’ और जनता ‘मूर्ख’ हो जाए तो राजधानी के सवाल का स्थायी हल मिलना मुश्किल ही…
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