Month: October 2019
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गढ़वाली-कविता
हमर गौंम (गढ़वाली कविता)
हमर गौंम,आइडिया नेटभर्क च,गोर, बछरू, भ्याल हकै,मनखि निझर्क च। हमर गौंम,पीडब्ल्डी सड़क च,मनखि भितर सियुं,भैर बांदर बेधड़क च। हमर गौंम,ऊर्जा…
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गढ़वाली-कविता
चुनौ बाद (गढ़वाली कविता)
बिकासन बोलिपरदान जी!मिन कबारि औण ?पैलि तुमारा घौर औणकि/ गौं मा औण? अबे! ठैर यारबिन्डी कतामति न कारपैलि हिसाब त्…
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इंसानी जीवन के रेखांकन की कविताएं
पुस्तक समीक्षा- जलड़ा रै जंदन (गढ़वाली कविता संग्रह) डॉ. नंद किशोर हटवाल // कविताओं को अपने समय और समाज का…
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गढ़वाली-कविता
गैळ बळद (गढ़वाली कविता)
जब बटे हमरु गैळ बळ्दफेसबुक फर फेमस ह्वेतब बटिवो बळ्द/ बळ्द नि रैसेलिब्रिटी बणिगेअर मिवेकु सबसे बड़ु फैनउन्त सिर्फ मि…
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आलेख
उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों की ये जनजातियां
नवीन चंद्र नौटियाल // उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के समाज में अन्य के साथ ही कई जनजातियां…
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दाताs ब्वारि, कनि दुख्यारि (गढ़वाली कहानी)
कथाकार – भीष्म कुकरेती // गौं मा इन कबि नि ह्वे. इन कैन बि कबि नि देखी. हाँ बुन्याल त-…
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गेस्ट-कॉर्नर
विलक्षण था आचार्य चक्रधर जोशी का जीवन
गिरधर पंडित / आचार्य पंडित चक्रधर जोशी मूलतः दाक्षिणात्य ब्राह्मण परिवार से थे। यहां पर यह भी उल्लेख करना उचित…
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