Month: May 2020
-
गढ़वाली-कविता
त्राही-त्राही त्राहिमाम… (गढ़वाली कविता)
• दुर्गा नौटियाल त्राही-त्राही त्राहिमाम, तेरि सरण मा छां आज। कर दे कुछ यनु काज, रखि दे हमारि लाज।। संगता…
Read More » -
हिन्दी-कविता
मैं पहाड़ हूं (हिन्दी कविता)
• मदन मोहन थपलियाल ’शैल’ मैं पहाड़ (हिमालय) हूं विज्ञान कहता है यहां पहले हिलोरें मारता सागर था दो भुजाएं…
Read More » -
कल की सी ही बात है
• डॉ. अतुल शर्मा प्रकृति के सुकुमारतम कवि श्री सुमित्रानंदन पंत की आज शुभ जयंती है। कल की सी ही…
Read More » -
व्यंग्यलोक
जरा बच के … (व्यंग्य)
• प्रबोध उनियाल बहुत समय पहले की बात है, तब इतनी मोटर गाड़ियां नहीं थीं। सबके अपने-अपने घोड़े होते थे।…
Read More » -
आजकल
लॉकडाउन में गूंज रही कोयल की मधुर तान
• प्रबोध उनियाल ये एक भीड़ भरा इलाका है, जहां मैं रहता हूं। मेरी घर की बालकनी से सड़क पर…
Read More » -
व्यंग्यलोक
भाई साहब घर में हैं (व्यंग्य)
• प्रबोध उनियाल कुछ भाई साहब तो आजकल बर्तनों के साथ फर्श को भी रगड़-रगड़ कर चमका रहे हैं। आजकल…
Read More » -
महा क्रांति आमंत्रित कर (हिन्दी कविता)
• श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’ तेरे शोणित, तेरी मज्जा से – सने धवल प्रासाद खड़े। तेरी जीवन से ही निर्मित, तेरी…
Read More »