Year: 2022
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फिल्म-संगीत
‘इमोशन’ की डोर से बंधी ‘खैरी का दिन’ (Garhwali Film)
भारतीय सिनेमा के हर दौर में सौतेले भाई के बलिदान की कहानियां रुपहले पर्दे पर अवतरित होती रही हैं। हालिया…
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आलेख
जसपुर के बहुगुणाओं का ज्योतिष टीका साहित्य- 3
• भीष्म कुकरेती यह लेखक हिंदी टीकाओं से गढ़वाली शब्दों की खोज कर रहा था कि उसे कुछ पंक्तियों…
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आलेख
जसपुर के बहुगुणाओं का गढ़वाली साहित्य में योगदान- 2
• भीष्म कुकरेती अन्य दो गढ़वाली में टीका के पृष्ठ जो मुझे प्राप्त हुए उनसे लगता है कि ये…
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साहित्य
जसपुर के बहुगुणाओं का गढ़वाली टीका साहित्य में योगदान
• भीष्म कुकरेती गढ़वाली साहित्यकार एवं इतिहासकार अबोध बंधु बहुगुणा ने ’गाड म्यटेकी गंगा’ पुस्तक में संस्कृत ज्योतिष व कर्मकांड…
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हिन्दी-कविता
माँ अब कुछ नहीं कहती – (हिंदी कविता)
माँअब कभी-कभीआती है सपनों मेंचुप रहती है,कुछ नहीं कहती माँसुनाती थी बातों-बातों मेंजीवन के कई हिस्सेसुने हुए कई किस्सेभोगे हुए…
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