Month: June 2025
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गढ़वाली-कविता
सतपुळी मोटर बोगिन खास… (गढ़वाली लोकगीत)
द्वी हजार आठ भादौं का मास, सतपुळी मोटर बोगिन खास। से जावा भै-बन्दों अब रात ह्वेगे, रुण-झुण रुण-झुण बरखा लैगे।काल…
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द्वी हजार आठ भादौं का मास, सतपुळी मोटर बोगिन खास। से जावा भै-बन्दों अब रात ह्वेगे, रुण-झुण रुण-झुण बरखा लैगे।काल…
Read More »उस शाम मैं गुजर रहा था उद्दा की दुकान के सामने से, अचानक दुकान की सबेली में खड़े मोहन ने…
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