रैबार पहाड़ का सब्बि लोखूं तैं..

पहाड़ का सब्बि खास अर आम लोखूं से आग्रह 2011 कि जनगणना शुरू ह्वेगे। ईं जनगणना मा सामाजिक, आर्थिक, आधारूं का दगड़ नया सन्दर्भ मा तकनीकी का स्तर पर बि गणना वेली। आप थें जानकारी होली कि जनगणना का प्रपत्र मा एक कालम भाषा कू बि होंदू। आमतौर पर जनगणनाकर्ता ही हमारी भाषा हिन्दी अंकित कर देंदन्। जबकि हमरि भाषा (दूदबोली) गढ़वाली या कुमाऊंनी च।
स्यू एक आग्रह यू कि, भाषा का ये कालम मा अपणि भाषा गढ़वाली या कुमाऊंनी ही अंकित कराबा। ताकि हम देश मा भाषा का स्तर पर अपणि पृथक पछाण कायम कर सकां अर अपणि भाषा थें संविधान की आठवीं अनुसूची मा स्थान दिलै सकां। किलै कि आज भी भाषायी आधार पर हमरि पछाण देश मा नगण्य च।
ये रैबार थें अपणा परिचितूं, इष्टमित्रं, प्रवासियों तक बि पौछैल्या, यन्न बि आग्रह च। भाषा आन्दोलन मा आपकी भागीदारी अपेक्षित च ।।