गढ़वाली-कविता
चुनू (गढ़वाली कविता)
हे जी!
अब/ चुनौ कू बग्त
औंण वाळु च
तुमन् कै जिताण
अरेऽ
अबारि दां मिन
अफ्वी खड़ु ह्वेक
सबूं फरैं
चुनू लगाण।
Source : Jyundal (A Collection of Garhwali Poems)
Copyright@ Dhanesh Kothari
हे जी!
अब/ चुनौ कू बग्त
औंण वाळु च
तुमन् कै जिताण
अरेऽ
अबारि दां मिन
अफ्वी खड़ु ह्वेक
सबूं फरैं
चुनू लगाण।
Source : Jyundal (A Collection of Garhwali Poems)
Copyright@ Dhanesh Kothari
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