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शख्सियत
उत्तराखंड के हर विषय पर लिखते आ रहे हैं भीष्म कुकरेती
• प्रशांत मैठाणीअनादि काल से ही गढ़वाल की भूमि ज्ञानियों, विद्वानों और वीरों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। इन…
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शख्सियत
पुस्तक समीक्षाः नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की इंद्रधनुषी छटा
• दिनेश शास्त्रीउत्तराखंड के प्रख्यात लोकगायक, कवि, दार्शनिक और संगीतकार नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने विभिन्न गीत संग्रह यथा- तेरी…
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व्यंग्यलोक
व्यंग्य : एक आम हैंका आमाऽ काम नि औंदु
Satire: Ek aam hainka aamaa kaam ni aundu• नरेंद्र कठैतवुन त आम क्वी बड़ी चीज नी। आम, आम होंदु। आमौ…
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रिव्यू
पुस्तक समीक्षाः लोक के सांस्कृतिक आलोक के पर्याय डीआर
• बीना बेंजवालहिमालयी राज्य उत्तराखंड में लोकनाट्य एवं लोक संगीत की विरासत का संरक्षण करते हुए लोक की सांस्कृतिक समृद्धि…
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गेस्ट-कॉर्नर
कानातालः प्रकृति प्रेमियों के लिए कुदरत का नायाब तोहफा
• शीशपाल गुसाईंUttarakhand Tourist Destination : कानाताल, टिहरी गढ़वाल का एक अद्भुत और शांतिपूर्ण स्थान है। जिसे शब्दों में बयां…
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बोली-भाषा
गढवाली भाषा में सत्य नारायण ब्रत कथा
भगवान सत्य नारायण जी की प्रेरणा से मिथैं भगवान सत्य देव की कथा कु पद्यानुवाद कनौ अंतनिर्हित आदेश ह्वै। अर…
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संस्कृति
गढ़वाल: इस गांव में आज भी निभाई जा रही मामा पौणा की परंपरा
• शीशपाल गुसाईं Mama Pauna Tradition : सदियों से चली आ रही मामा पौणा (मामा मेहमान) की प्रथा नरेंद्रनगर ब्लॉक…
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कहानियां
गढ़वाली कहानीः छठों भै कठैत की हत्या!
प्रतीकात्मक चित्र • भीष्म कुकरेती / हौर क्वी हूंद त डौरन वैक पराण सूकि जांद पण मेहरबान सिंग कठैत…
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साहित्य
समीक्षाः जीवन के चित्रों की कथा है ‘आवाज रोशनी है’
बचपन की स्मृतियां कभी पीछा नहीं छोड़तीं। कितना भी कहते रहो ’छाया मत छूना मन’ मन दौड़ता रहता है दादी,…
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आलेख
कंडाळी (बिच्छू घास) के अनेकों फायदे
– डॉ. बलबीर सिंह रावत कंडळी, (Urtica dioica), बिच्छू घास, सिस्नु, सोई, एक तिरस्कृत पौधा, जिसकी ज़िंदा रहने की शक्ति…
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