आजकल
उत्तराखंड की जांबाज बेटियां विश्व परिक्रमा को रवाना
उत्तराखंड की दो जांबाज बेटियां लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी और पायल
गुप्ता भारतीय नौसेना के बेहद महत्वपूर्ण मिशन ‘नाविक सागर परिक्रमा’ के
लिए रवाना हो गई हैं। नौसेना के छह सदस्यीय नाविक दल की सदस्य ये दो बेटियां, अगले छह महीने में लगभग 22 हजार नॉटिकल मील की समुद्री दूरी नापते
हुए पृथ्वी का चक्कर पूरा करेंगी।
सागर परिक्रमा का यह मिशन 17 मीटर
लंबी नौका ‘आईएसएनवी तारिणी’ में पूरा किया जाएगा। नौका पूरे यात्राकाल
में चार बंदरगाहों पर इंधन के लिए रुकेगी। रविवार दोपहर ढाई बजे गोवा में
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान गोवा
के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे।
लंबी नौका ‘आईएसएनवी तारिणी’ में पूरा किया जाएगा। नौका पूरे यात्राकाल
में चार बंदरगाहों पर इंधन के लिए रुकेगी। रविवार दोपहर ढाई बजे गोवा में
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान गोवा
के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे।
खासबात कि नाविक दल का नेतृत्व उत्तराखंड की बेटी वर्तिका जोशी कर करी हैं।
वर्तिका ने बताया कि गोवा से शुरू यह अभियान आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फॉकलैंड होते हुए वापस गोवा में ही पूरा होगा। इस दल में प्रदेश की दो
बेटियों का शामिल होना उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है। टीम में वर्तिका और पायल
के अलावा लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाति, लेफ्टिनेंट
एस विजया देवी और बी ऐश्वर्या भी शामिल हैं।
वर्तिका ने बताया कि गोवा से शुरू यह अभियान आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फॉकलैंड होते हुए वापस गोवा में ही पूरा होगा। इस दल में प्रदेश की दो
बेटियों का शामिल होना उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है। टीम में वर्तिका और पायल
के अलावा लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाति, लेफ्टिनेंट
एस विजया देवी और बी ऐश्वर्या भी शामिल हैं।
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी टीम से मुलाकात कर उन्हें बधाई
और शुभकामनाएं दी थी। इस यात्रा के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह
रावत ने भी टीम को शुभकानाएं दी हैं।
और शुभकामनाएं दी थी। इस यात्रा के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह
रावत ने भी टीम को शुभकानाएं दी हैं।
वर्तिका ऋषिकेश और देहरादून की है पायल
लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी तीर्थनगरी ऋषिकेश की रहने वाली हैं। उनकी
स्कूली शिक्षा श्रीनगर और ऋषिकेश में हुई। वर्तिका के पिता डा. पीके जोशी हेमवती
नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में प्रोपफेसर और मां अल्पना जोशी
पीजी ऑटोनोमस कॉलेज ऋषिकेश में प्रवक्ता हैं। वर्तिका आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर 2010 में नौसेना में अधिकारी बनीं थीं। इससे
पहले वह ब्राजील के रियो डि जिनोरियो से दक्षिण अप्रफीका के केपटाउन तक पांच हजार
नॉटिकल मील का समुद्री अभियान भी तय कर चुकी हैं। पायल गुप्ता देहरादून के रेसकोर्स की रहने वाली हैं। उनके पिता विनोद
गुप्ता व्यवसायी तथा माता नीलम गृहणी हैं। देहरादून के कारमन स्कूल से प्रारंभिक
शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने देहरादून से बीटेक किया और इसके बाद नौसेना में
नियुक्ति हासिल की।
स्कूली शिक्षा श्रीनगर और ऋषिकेश में हुई। वर्तिका के पिता डा. पीके जोशी हेमवती
नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में प्रोपफेसर और मां अल्पना जोशी
पीजी ऑटोनोमस कॉलेज ऋषिकेश में प्रवक्ता हैं। वर्तिका आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर 2010 में नौसेना में अधिकारी बनीं थीं। इससे
पहले वह ब्राजील के रियो डि जिनोरियो से दक्षिण अप्रफीका के केपटाउन तक पांच हजार
नॉटिकल मील का समुद्री अभियान भी तय कर चुकी हैं। पायल गुप्ता देहरादून के रेसकोर्स की रहने वाली हैं। उनके पिता विनोद
गुप्ता व्यवसायी तथा माता नीलम गृहणी हैं। देहरादून के कारमन स्कूल से प्रारंभिक
शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने देहरादून से बीटेक किया और इसके बाद नौसेना में
नियुक्ति हासिल की।