यात्रा-पर्यटन
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देवलगढ़ः तत्कालीन गढ़वाल साम्राज्य की पसंदीदा जगह
उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल से 17 किमी दूर पहाड़ी पर बसा देवलगढ़, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। खासकर 16वीं शताब्दी…
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हर किसी को आकर्षित करता है आदि बद्री मंदिर का वास्तु शिल्प
दर्शन के अनुभव को बढ़ाने और मंदिर के महत्व को सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि आदि बद्री…
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मेडिकल टूरिज़्म में मड थेरेपी की जरूरत
भारत मेडिकल टूरिज्म में कई सकारात्मक तत्वों के कारण प्रगति कर रहा है। मेडिकल टूरिज्म में प्राकृतिक चिकित्सा का योगदान…
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कानातालः प्रकृति प्रेमियों के लिए कुदरत का नायाब तोहफा
• शीशपाल गुसाईंUttarakhand Tourist Destination : कानाताल, टिहरी गढ़वाल का एक अद्भुत और शांतिपूर्ण स्थान है। जिसे शब्दों में बयां…
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उत्तराखंड में एक और फूलों की घाटी ‘चिनाप’
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी से तो हर कोई परिचित है। लेकिन इससे इतर एक और फूलों की जन्नत है…
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जहां बिखरी है कुदरत की बेपनाह खूबसूरती
उत्तराखंड के हिमालय में कई छोटे-बड़े बुग्याल मौजूद हैं। औली, गोरसों बुग्याल, बेदनी बुग्याल, दयारा बुग्याल, पंवालीकांठा, चोपता, दुगलबिट्टा सहित…
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दोस्तों की जुगलबंदी ने दिखाई रोजगार की राह
उत्तराखंड को प्रकृति ने बेपनाह सौंदर्य से लकदक किया है। हरसाल हजारों लोग इसी खूबसूरती के दीदार को यहां पहुंचते…
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यहां है दुनिया का एकलौता ‘राहू मंदिर’
कभी नहीं सुना होगा कि देश के किसी गांव में देवों के साथ दानव की पूजा भी हो सकती है।…
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परम्पराओं में निहित लोककल्याण
श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने और बंद किये जाने की मान्य परम्पराओं के तहत ज्योतिषीय गणनाओं में लोक कल्याण…
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श्री बदरीनाथ सुप्रभातम्
लक्ष्मीविलास नरसिंह गुणाकरेशबैकुण्ठ केशव जनार्दन चक्रपाणे।भक्तार्तिनाशन हरे मधुकैटभारेभूयात् बदर्यधिपते तब सुप्रभातम्।। लक्ष्मीः प्रसन्नवदना जगदाद्यशक्तिःकृत्वाङ्गरागललितं सुमनोज्ञवेषा।संस्तौति शब्दमधुरैर्मुरमर्दनं त्वांभूयात् बदर्यधिपते तव सुप्रभातम्।।…
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