आलेख
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देहरादूनः गढ़वाल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र
History of Dehradun : देहरादून, जो आज उत्तराखंड की राजधानी के रूप में जाना जाता है, अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक…
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राजपूत राणावत मियां लोगों को मिली थी ‘मियांवाला’ की जागीर
देहरादून के मियांवाला जागीर का इतिहास गढ़वाल के राजाओं के शासनकाल से गहराई से जुड़ा हुआ है, जहां गुलेरिया समुदाय…
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इतिहासः ‘मियांवाला’ जो अब हो गया ‘रामजीवाला’
History of Miyanwala Dehradun : हिमाचल प्रदेश के वर्तमान कांगड़ा जिले में कभी गुलेर रियासत का गौरवशाली इतिहास रहा था।…
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209 वर्ष पहले बसा था ऐतिहासिक टिहरी शहर
ऐतिहासिक व सांस्कृतिक टिहरी शहर का डूबना इसके कई नागरिकों के लिए एक विनाशकारी घटना थी। कुछ लोगों के लिए,…
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हीरा सिंह राणा के गीतों में पहाड़, प्रकृति और मानवीय पक्ष
Folk singer Heera Singh Rana : हीरा सिंह राणा उत्तराखंड लोक संगीत के महान संवाहक व रक्षक रहे हैं। उनके…
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मेडिकल टूरिज़्म में मड थेरेपी की जरूरत
भारत मेडिकल टूरिज्म में कई सकारात्मक तत्वों के कारण प्रगति कर रहा है। मेडिकल टूरिज्म में प्राकृतिक चिकित्सा का योगदान…
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उत्तराखंड के हर विषय पर लिखते आ रहे हैं भीष्म कुकरेती
• प्रशांत मैठाणीअनादि काल से ही गढ़वाल की भूमि ज्ञानियों, विद्वानों और वीरों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। इन…
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पुस्तक समीक्षाः नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की इंद्रधनुषी छटा
• दिनेश शास्त्रीउत्तराखंड के प्रख्यात लोकगायक, कवि, दार्शनिक और संगीतकार नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने विभिन्न गीत संग्रह यथा- तेरी…
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कंडाळी (बिच्छू घास) के अनेकों फायदे
– डॉ. बलबीर सिंह रावत कंडळी, (Urtica dioica), बिच्छू घास, सिस्नु, सोई, एक तिरस्कृत पौधा, जिसकी ज़िंदा रहने की शक्ति…
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