आलेख
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देहरादूनः गढ़वाल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र
History of Dehradun : देहरादून, जो आज उत्तराखंड की राजधानी के रूप में जाना जाता है, अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक…
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209 वर्ष पहले बसा था ऐतिहासिक टिहरी शहर
ऐतिहासिक व सांस्कृतिक टिहरी शहर का डूबना इसके कई नागरिकों के लिए एक विनाशकारी घटना थी। कुछ लोगों के लिए,…
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उत्तराखंड के हर विषय पर लिखते हैं भीष्म कुकरेती
• प्रशांत मैठाणीअनादि काल से ही गढ़वाल की भूमि ज्ञानियों, विद्वानों और वीरों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। इन…
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नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की इंद्रधनुषी छटा
• दिनेश शास्त्रीउत्तराखंड के प्रख्यात लोकगायक, कवि, दार्शनिक और संगीतकार नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने विभिन्न गीत संग्रह यथा- तेरी…
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कंडाळी (बिच्छू घास) के अनेकों फायदे
– डॉ. बलबीर सिंह रावत कंडळी, (Urtica dioica), बिच्छू घास, सिस्नु, सोई, एक तिरस्कृत पौधा, जिसकी ज़िंदा रहने की शक्ति…
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जसपुर के बहुगुणाओं का ज्योतिष टीका साहित्य- 3
• भीष्म कुकरेती यह लेखक हिंदी टीकाओं से गढ़वाली शब्दों की खोज कर रहा था कि उसे कुछ पंक्तियों…
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जसपुर के बहुगुणाओं का गढ़वाली साहित्य में योगदान- 2
• भीष्म कुकरेती अन्य दो गढ़वाली में टीका के पृष्ठ जो मुझे प्राप्त हुए उनसे लगता है कि ये…
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अद्भुत थी चंद्रकुँवर बर्त्वाल की काव्य-दृष्टि
• बीना बेंजवाल / कैलासों पर उगे रैमासी के दिव्य फूलों को निहारने वाली कवि चंद्रकुँवर बर्त्वाल की काव्य-दृष्टि उस…
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प्रकृति का हमसफ़र छायाकार डॉ. मनोज रांगड़
• प्रबोध उनियाल चेहरे में हमेशा मुस्कान, व्यवहार में बेहद आत्मीयता और प्रकृति को अपनी ही नजर से देखने का…
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