आलेख
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प्रकृति का हमसफ़र छायाकार डॉ. मनोज रांगड़
• प्रबोध उनियाल चेहरे में हमेशा मुस्कान, व्यवहार में बेहद आत्मीयता और प्रकृति को अपनी ही नजर से देखने का…
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गढ़वाली भाषा के ‘की-बोर्ड’ हैं ‘नरेन्द्र सिंह नेगी’
• बीना बेंजवाल शब्द विभूति एवं लोकानुभूति के माध्यम से गढ़वाली भाषा के संरक्षण, उसके प्रचार-प्रसार में अभूतपूर्व योगदान देने…
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विलक्षण, बहुमुखी, प्रखर मेधा के धनी हैं ‘गणी’
• नरेंद्र कठैत – अग्नि, हवा और पानी- इन तीन ईश्वर प्रदत्त तत्वों के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं…
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अब नहीं दिखते पहाड़ के नए मकानों में उरख्याळी गंज्याळी
– डॉ. सुनील दत्त थपलियाल ओखली अब हिन्दी की किताबों में ‘ओ’ से ओखली के अलावा शायद ही कहीं देखने…
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साहित्य प्रेमियों के बीच आज भी जिंदा हैं अबोध बन्धु बहुगुणा
– आशीष सुंदरियाल गढ़वाळी भाषा का सुप्रसिद्ध साहित्यकार अबोध बन्धु बहुगुणा जी जौंको वास्तविक नाम नागेन्द्र प्रसाद बहुगुणा छौ, को…
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कल की सी ही बात है
• डॉ. अतुल शर्मा प्रकृति के सुकुमारतम कवि श्री सुमित्रानंदन पंत की आज शुभ जयंती है। कल की सी ही…
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अलविदा इरफान! इतनी भी जल्दी क्या थी..
• प्रबोध उनियाल फिल्म अभिनेता इरफान खान का यूं चले जाना स्तब्ध करता है। उनके जज्बे से लगने लगा था…
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उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में बसती हैं ये जनजातियां
नवीन चंद्र नौटियाल // उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के समाज में अन्य के साथ ही कई जनजातियां…
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विलक्षण था आचार्य चक्रधर जोशी का जीवन
गिरधर पंडित // आचार्य पंडित चक्रधर जोशी मूलतः दाक्षिणात्य ब्राह्मण परिवार से थे। यहां पर यह भी उल्लेख करना उचित…
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गढ़वाल की राजपूत जातियों का इतिहास (भाग-1)
संकलनकर्ता- नवीन चंद्र नौटियाल // उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में निवास करने वाली राजपूत जातियों का इतिहास भी काफी…
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