आलेख
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पहाड़ फिर करवट ले रहा है
पहाड़ फिर करवट ले रहा है। युवा चेतना के साथ। वह बेहतर समाज के सपने संजोना चाहता है। वह समतामूलक…
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‘लोक’ की भाषा और संस्कृति को समर्पित किरदार
ब्यालि उरडी आई फ्योंली सब झैड़गेन/किनगोड़ा, छन आज भी हंसणा…। बर्सु बाद मी घौर गौं, अर मेरि सेयिं कुड़ि बिजीगे…।…
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खाली होते गांवों से कैसे बचेगा हिमालय !
पलायन रोकने की न नीति न प्लान, तो फिर हिमालय दिवस पर कोरे संकल्प क्यों? उत्तराखंड में हाल में ‘हिमालय को…
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स्वैच्छिक चकबंदी और बागवानी के प्रेरक बने ‘भरत’
उत्तरकाशी जिले के नौगांव विकासखंड अंतर्गत हिमरोल गांव के भरत सिंह राणा अपने क्षेत्र में लोगों को स्वैच्छिक चकबंदी के…
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वीर भड़ूं कू देस बावन गढ़ कू देस
वीर भड़ूं कू देस बावन गढ़ कू देस…, प्रख्यात लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का यह गीत सुना ही होगा। जी…
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कब खत्म होगा युवाओं का इंतजार ?
उत्तराखंड आंदोलन और राज्य गठन के वक्त ही युवाओं ने सपने देखे थे, अपनी मुफलिसी के खत्म होने के। उम्मीद…
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युगों से याद हैं सुमाड़ी के ‘पंथ्या दादा’
‘जुग जुग तक रालू याद सुमाड़ी कू पंथ्या दादा’ लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के एक गीत की यह पंक्तियां आपको याद…
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हुजुर !! मुझे गेस्ट राजधानी न बना देना…
मैं गैरसैण हूं…. । राज्य बने हुये 16 बरस बीत जाने को है, लेकिन आज भी राजधानी के नाम पर…
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दुनियावी नजरों से दूर, वह ‘चिपको’ का ‘सारथी’
दुनिया को पेड़ों की सुरक्षा के लिए ‘चिपको’ का अनोखा मंत्र देने और पर्यावरण की अलख जगाने वाले ‘चिपको आंदोलन’…
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Tilpatar: a Garhwali Drama
(Review of ‘Tilpatar’ a Garhwali drama by playwright Abodh Bandhu Bahuguna) Notes on Hurting by Old Tradition and Agonizing from…
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