गढ़वाली-कविता

  • फूल संगरांद

    फूलदेई फूलदेई संगरांद सुफल करो नयो साल तुमकु श्री भगवान रंगीला सजीला फूल ऐगीं , डाळा बोटाला ह्र्याँ व्हेगीं पौन…

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  • हाल (गढ़वाली कविता)

    दाऽस्यु बीतिआजादी कुपचासुं सालऊंड फुंड्वाखादी झाड़िकबणिगेन मालामाल/ अरहम स्यु छवांआज बिथेकळौं पर थेकळा धारिकुगत, कुहाल/ अरकंगाल Source : Jyundal (A…

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  • गौं तलक (गढ़वाली कविता)

    सड़क पौंछिगे मेरा गौंमोटर, कार, गाड़ीफैशन, नै रौ रिवाजफास्‍ट फूड, बर्गरहिन्दी, अंग्रेजीज्यांकू ब्वल्दन् बल किसौब धाणिपौंछिगे मेरा गौं नि पौंछी…

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  • बदलौअ (गढ़वाली कविता)

    जंगळ् बाघूं कु अब जंगळ् ह्वेगेन जब बिटि जंगळ् हम खुणि पर्यटक स्थल ह्वेगेन बंदुक लेक हम जंगळ् गयां बाग/गौं…

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  • उदास न हो (गढ़वाली कविता)

    आज अबि उदास न होभोळ त्‌ अबि औण चआस न तोड़ मन न झुरौपाळान्‌ त्‌ उबौण ई च कॉपीराइट- धनेश…

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  • वेलेन्टाइन (गढ़वाली कविता)

    हे वीं तू बि अदान छैं त्वेखुणि बि क्य ब्वन्न हैप्पी वेलेन्टाइन!! Copyright@ Dhanesh Kothari

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  • स्वागत सत्कार (गढ़वाली कविता)

    नयि सदी नया बरस तेरु स्वागत तेरु सत्कार हमरा मुल्क कि मोरी मा नारेंण खोळी मा गणेश चौंरौं कि शक्ति…

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  • चौंठी भुक्कि (गढ़वाली कविता)

    छौं मि ये ही मुल्क कु, भुलिग्यों यख कि माया भुलिग्यों वा चौंठी भुक्कि, कोख जैंन मि खिलाया कन नचदा…

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  • दारु

    दारु !पगळीं च बगणि चडांडी कांठ्यों धरु-धरुपीड़ बिसरौण कुमाथमि, द्यब्तौं सि सारु गंगा उंद बगदीदारु उबां-उबां टपदीपैलि अंज्वाळ् अदुड़ि/फेर, पव्वा…

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  • सौदेर

    माया का सौदेर छां हमइन्कलाब जिन्दाबादबैर्यों बग्तौ चेति जावानिथर होण मुर्दाबाद कथगै अंधेरू होलुहम उज्याळु कैद्योंलाभाना कि बिंदुलि मागैणौं तैं…

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