साहित्य
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त्राही-त्राही त्राहिमाम… (गढ़वाली कविता)
• दुर्गा नौटियाल त्राही-त्राही त्राहिमाम, तेरि सरण मा छां आज। कर दे कुछ यनु काज, रखि दे हमारि लाज।। संगता…
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मैं पहाड़ हूं (हिन्दी कविता)
मैं पहाड़ (हिमालय) हूंविज्ञान कहता हैयहां पहले हिलोरें मारता सागर थादो भुजाएं आपस में टकराईंपहाड़ का जन्म हुआहिमालय का अवतरण…
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महा क्रांति आमंत्रित कर (हिन्दी कविता)
श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’ तेरे शोणित, तेरी मज्जा से – सने धवल प्रासाद खड़े।तेरी जीवन से ही निर्मित,तेरी छाती पर किन्तु अड़ेइनको…
Read More » मारियो वार्गास ल्योसा की कृति ‘किस्सागो’ का परिचय
● डॉ. अतुल शर्मा ‘किस्सागो’ मारियो वार्गास ल्योसा का महत्वपूर्ण उपन्यास लातिन अमरीकी देश ‘पेरु’ के आदिवासियों पर आधारित है।…
Read More »आधुनिक गढ़़वाली कविता का संक्षिप्त इतिहास
भीष्म कुकरेती (मुंबई) // गढ़़वाली भाषा का प्रारम्भिक काल गढ़़वाली भाषाई इतिहास अन्वेषण हेतु कोई विशेष प्रयत्न नहीं हुए हैं।…
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मान राम (हिन्दी कविता)
अनिल कार्की // मानराम !ओ बूढ़े पहाड़लो टॉफी खा लोचश्मा पौंछ लो मेरे पुरखे टॉफी की पिद्दी सी मिठासतुम्हारे कड़वे…
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हमर गौंम (गढ़वाली कविता)
हमर गौंम,आइडिया नेटभर्क च,गोर, बछरू, भ्याल हकै,मनखि निझर्क च। हमर गौंम,पीडब्ल्डी सड़क च,मनखि भितर सियुं,भैर बांदर बेधड़क च। हमर गौंम,ऊर्जा…
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चुनौ बाद (गढ़वाली कविता)
बिकासन बोलिपरदान जी!मिन कबारि औण ?पैलि तुमारा घौर औणकि/ गौं मा औण? अबे! ठैर यारबिन्डी कतामति न कारपैलि हिसाब त्…
Read More » इंसानी जीवन के रेखांकन की कविताएं
पुस्तक समीक्षा- जलड़ा रै जंदन (गढ़वाली कविता संग्रह) डॉ. नंद किशोर हटवाल // कविताओं को अपने समय और समाज का…
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गैळ बळद (गढ़वाली कविता)
जब बटे हमरु गैळ बळ्दफेसबुक फर फेमस ह्वेतब बटिवो बळ्द/ बळ्द नि रैसेलिब्रिटी बणिगेअर मिवेकु सबसे बड़ु फैनउन्त सिर्फ मि…
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