साहित्य
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साहित्यकारों के कमरों की कहानी ‘मेरा कमरा’
प्रबोध उनियाल द्वारा संपादित ‘मेरा कमरा’ चालीस लेखकों के अपने अध्ययन कक्ष के संबन्ध में सुखद-दुःखद अनुभवों को समेटे पठनीय…
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त्राही-त्राही त्राहिमाम… (गढ़वाली कविता)
• दुर्गा नौटियाल त्राही-त्राही त्राहिमाम, तेरि सरण मा छां आज। कर दे कुछ यनु काज, रखि दे हमारि लाज।। संगता…
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मैं पहाड़ हूं (हिन्दी कविता)
• मदन मोहन थपलियाल ’शैल’ मैं पहाड़ (हिमालय) हूं विज्ञान कहता है यहां पहले हिलोरें मारता सागर था दो भुजाएं…
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महा क्रांति आमंत्रित कर (हिन्दी कविता)
• श्रीराम शर्मा ‘प्रेम’ तेरे शोणित, तेरी मज्जा से – सने धवल प्रासाद खड़े। तेरी जीवन से ही निर्मित, तेरी…
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मारियो वार्गास ल्योसा की कृति ‘किस्सागो’ का परिचय
● डॉ. अतुल शर्मा ‘किस्सागो’ मारियो वार्गास ल्योसा का महत्वपूर्ण उपन्यास लातिन अमरीकी देश ‘पेरु’ के आदिवासियों पर आधारित है।…
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आधुनिक गढ़़वाली कविता का संक्षिप्त इतिहास
भीष्म कुकरेती (मुंबई) // गढ़़वाली भाषा का प्रारम्भिक काल गढ़़वाली भाषाई इतिहास अन्वेषण हेतु कोई विशेष प्रयत्न नहीं हुए हैं।…
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मान राम (हिन्दी कविता)
अनिल कार्की // मानराम ! ओ बूढ़े पहाड़ लो टॉफी खा लो चश्मा पौंछ लो मेरे पुरखे टॉफी की पिद्दी…
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हमर गौंम (गढ़वाली कविता)
केशव डुबर्याळ ‘मैती’// हमर गौंम, आइडिया नेटभर्क च, गोर, बछरू, भ्याल हकै, मनखि निझर्क च। हमर गौंम, पीडब्ल्डी सड़क च,…
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चुनौ बाद (गढ़वाली कविता)
धनेश कोठारी // बिकासन बोलि परदान जी! मिन कबारि औण ? पैलि तुमारा घौर औण कि/ गौं मा औण? अबे!…
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इंसानी जीवन के रेखांकन की कविताएं
पुस्तक समीक्षा- जलड़ा रै जंदन (गढ़वाली कविता संग्रह) डॉ. नंद किशोर हटवाल // कविताओं को अपने समय और समाज का…
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