अगर हम किताबें नहीं पढ़ेंगे…

जो लोग किताबें नहीं पढ़ते, वे अंततः राम-रहीम को जन्म देते हैं। हमारे समाज में राम-रहीम पैदा होते हैं, क्योंकि
हम किताबों को सिर्फ नौकरी पाने के लिये पढ़ते हैं। हम अगर किताब पढ़ेंगे तो हमारे आसपास राम-रहीम जन्म नहीं ले पायेंगे। हम अगर किताब पढ़ेंगे तो लालबहादुर शास्त्री और माणिक सरकार जैसे नेताओं को जन्म देंगे। अगर हम किताब पढ़ेंगे तो धर्म और राजनीति का घालमेल नहीं होने देंगे। लफ्फाजों के बहकावे में नहीं आयेंगे।
हम अगर किताब पढ़ेंगे तो भ्रष्टाचार खत्म होने लगेगा। हम अगर किताब पढ़ेंगे तो सही के लिए लड़ने लगेंगे। हम अगर किताब पढ़ेंगे तो उदार और मानवीय बनते जायेंगे। हमारे दुःख और भ्रम दूर होते जायेंगे। हम अगर अच्छी किताबें पढ़ेंगे तो अपने भारत को श्रेष्ठ बना सकेंगे। हम अगर किताब नहीं पढ़ेंगे तो हमारे आसपास गुस्से और नफरत से भरे हुए लोग बढ़ते चले जायेंगे और हम फिजूल में छोटी-छोटी बातों में लड़ने लगेंगे। हम अगर किताब नहीं पढ़ेंगे तो घृणा और दुश्मनी की बात करने लगेंगे।
हम अगर अच्छी किताबें नहीं पढ़ेंगे तो लोगों को मारने लगेंगे। हम अगर किताब नहीं पढ़ेंगे तो प्रेम, करुणा की बात करने वालों से नफरत करने लगेंगे। हम अगर किताब नहीं पढ़ेंगे तो तालिबान में बदल जायेंगे और अपने देश को अफगानिस्तान बना देंगे।
- दिनेश कर्नाटक