साहित्य

  • हे रावण

    रावण तुम अब तक जिंदा हो, तुम्हें तो मार दिया गया था त्रेता में. … उसके बाद भी सदियों से…

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  • जै दिन

    जै दिन मेरा गोरू तेरि सग्वाड़यों, तेरि पुंगड़यों उजाड़ खै जाला जै दिन झालू कि काखड़ी चोरे जालि जै दिन…

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  • जब प्रेम में जोगी बन गया एक राजा

    राजुला-मालूशाही पहाड़ की सबसे प्रसिद्ध अमर प्रेम कहानी है। यह दो प्रेमियों के मिलन में आने वाले कष्‍टों, दो जातियों, दो देशों, दो…

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  • वुं मा बोली दे

    गणेश खुगसाल ‘गणी’ गढ़वाली भाषा के लोकप्रिय और सशक्त कवि हैं। ‘वुं मा बोली दे’ उनकी प्रकाशित पहली काव्यकृति है। शीर्षक…

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  • ये जो निजाम है

    ये जो निजाम है तुझको माफ़ कर देगा खुद सोच क्या तू खुद को माफ़ कर देगा बारिशों में भीग…

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  • मैं हंसी नहीं बेचता

    जी हां मैं हंसी नहीं बेचता न हंसा पाता हूं किसी को क्‍योंकि मुझे कई बार हंसने की बजाए रोना…

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  • वह आ रहा है अभी..

    कुछ लोग कह रहे हैं तुम मत आओ वह आ रहा है अभी उसके आने से पहले तुम आओगे, तो…

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  • हां.. तुम जीत जाओगे

    हां..  निश्चित ही तुम जीत जाओगे क्योंकि तुम जानते हो जीतने का फन साम, दाम, दंड, भेद तुम्हें सिर्फ जीत…

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  • हाइकू

    खारु छौं न खरोळ भितर आग च कॉपीराइट- धनेश कोठारी

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  • सर्ग दिदा

    सर्ग दिदा पाणि पाणि हमरि विपदा तिन क्य जाणि रात रड़िन्‌ डांडा-कांठा दिन बौगिन्‌ हमरि गाणि उंदार दनकि आज-भोळ उकाळ…

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