साहित्य
गढ़वाली कहावतें/लोकोक्तियां 06
ख्वों न खौं बल चौबटा मा रौं
आत्मा बैरि बल गिच्चूा
औ खुंड बल म्यारा मुंड
असमौ मास बि मळसा का पिंड
अर समौ मास बि मळसा का ई पिंड
न जौं बिराणि मंडेलि न लौं बल पूंछ गंडेलि
आत्मा बैरि बल गिच्चूा
औ खुंड बल म्यारा मुंड
असमौ मास बि मळसा का पिंड
अर समौ मास बि मळसा का ई पिंड
न जौं बिराणि मंडेलि न लौं बल पूंछ गंडेलि
उंड फंड्वा बल चुल्ला फुंड
अर चुल्ला फुंड्वा उंड फंड
दानौं कू ब्वल्यूं अर औंला कू स्वाद
बाद मा औंदू बल याद
सोरा पैलि त खड्यवन्
निथर ठट्टा तब्बि लगावन्
तू कोळी बल मैं ल्वार
अर तेरु मेरु क्यै ब्यूवार
बाटू चिफळु कन्न
धारा-धरि जाण
परवाण होण
जगदी मुच्छयाळी पिछनै औंदि
स्रोत- बुढ़ पुराणौं से सुणि अर अन्य माध्यमूं से संकलित
संकलनकर्ता – धनेश कोठारी