गढ़वाली-कविता
सिखै
सि
हमरा बीच बजार
दुकानि खोलि
भैजी अर भुल्ला
ब्वन्न सिखीगेन
हमरा बीच बजार
दुकानि खोलि
भैजी अर भुल्ला
ब्वन्न सिखीगेन
मि
देळी भैर जैक
देळी भैर जैक
भैजी अर भुल्ला
व्वन्न मा
सर्माणूं सिखीग्यों
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2010 मा मेरी लिखीं एक गढ़वळी कविता