गढ़वाली-कविता
मेरो हिमालय
म्यारा ऊंचा हिमालय
तै शांत रैण द्या
नि पौंछावा सड़की
पुंगड़ी – कूड़ी नि दब्यौण द्या,
म्यारा ऊंचा हिमालय
तै शांत रैण द्या ।
नि बांधा बगदि गंगा तैं
यूं पंडों का गौं अठूर-
टीरी पाणी मा नि समौंण द्या
म्यारा ऊंचा हिमालय
तै शांत रैण द्या ।
नि चैंदी
तुम्हारी राजधानी गैरसैंण मा
हम चमोली का ढेबरा
पौड़ी का सलाणी
खासपट्टी का खस्या
बंगाण का बंगाणी
जोशीमठ का भोट्या मार्छा
पिथौरागढ़ का तोलछा
गंगाड़ का गंगाड़ी
जौनसार का जौनसारी
जौनपुर का जौनपुरी
कुमौं का कुंमय्यां,
गढ़वाल का गढ़वाळी
हम तै
हमीं रैंण द्या ।।
रचनाकार-
जय प्रकाश पंवार