व्यंग्यलोक

तबादला उद्योग !

तबादला उद्योग उद्योग बि उनि उद्योग च जन हौर कंसल्टिंग उद्योग होंदन.
जी! हाँ पैल दलाल/बिचौलिया जौंकू बोल्दा छा ऊन अब अपण बिजनेस्सौ नाम बदली दे जन विदेशों मा काल़ो धन भिजण वाळ अर विदेस बिटेन बगैर एक्साइज भर्याँ सामान ल़ाण वाळ अब खुलेआम गबरमेंट अप्प्रूबड मनी ट्रांस्फ्रिंग अजेंसिज अर एक्सपोर्टर-इम्पोर्टर ह्व़ेगेन. वैश्याओं क दलाल अब अफुं तैं रांडों दल्ला नि बुल्दन बल्कण मा अफु तैं इवेंट मनेजमेंट कन्सल्टेंट, इंटरटेनमेंट कन्सल्टेंट या यंग मॉडल सप्लायर बुल्दन. पैल रांडू दल्ला कखी बि नि बोल्दु थौ वु क्य काम करदो अब य़ी दल्ला विजिटिंग कार्ड लेकी यंग मॉडल माने ‘यंग माल’ मतबल जवान रांड सप्लाई की बात खुलेआम दिन मा इ करदन. मनमोहन सिंग को रिफार्म इकोनोमी को इ कमाल च बल रांडू दल्ला अब यंग मॉडल सप्लायर ह्व़ेगेन. इन बि सुणेगे बल विदेसुं मा वैश्याऊँ तैं भिजण वाळ अफुं तैं कल्‍चरल एक्सचेंज एजेंसी का मालक या मैनेजर बुल्दन.
अब रिफार्म इकोनोमी मा यि दलाल या बिचौलिया कन्सल्टेंट ह्व़ेगेन. इनी सरकारी कामगत्यूँ तबादला को काम च वो बि एक बड़ो भारी उद्यम च. इ उद्यम भारत का हरेक कूण मा पसर्युं/फैल्यूं च. जख सरकारी कामगति/कारिन्दा उख तबादला उद्यम! यू भौत बड़ो पण, अनऑर्गेनाइजड इंडस्ट्री च. सरकार को सामणि होंद पण ये उद्यम तैं उद्यम को दर्जा दीण कैं बि सरकार या कैं बि राजकरणि पार्टी को बस मा नी च. बस मा क्या, कैं माइ को लाल मा हिम्मत इ नी च, बल ये बड़ो उद्यम तैं उद्यम को दर्जा दिए जाओ. किलैकि यू उद्यम छें त च पण, यू बड़ो उद्यम आत्मा जन च. छेंच पण नी च, नी च पण छें च.
सरकारी कामगत्युं तबादला/ट्रांसफर उद्यम एक वास्त्विकता च पण  आत्मा जन न त ये उद्यम को आदि च न ही अंत च, ट्रान्सफर उद्यम को जलड़ छन. ग्व़ाळ छें छन, फांकी छन पण फिर बि आत्मा जन यू उद्योग रूट लेस च.
सरकारी कामगत्युं तबादला/ट्रांसफर उद्यम छें च पण कखम च, ये उद्यम तैं कु चलांद. ये उद्योग क असली स्वरुप क्या च, भारतियुं तैं क्या भेमता/भगवान् तैं बि नि पता. अरे विकीलीक एक्सपोजर तैं बि नि पता कि भारतीय सरकारी कामगत्युं तबादला/ट्रांसफर उद्यम को असली स्वरुप क्या च. सबी माणदन सरकारी कामगत्युं तबादला/ट्रांसफर उद्यम छें च पण आकार, स्वरुप कै तैं नि पता.
सरकारी कामगत्युं तबादला/ट्रांसफर इंडस्ट्री मा सरकारी अर गैर सरकारी भागीदारी बरोबर की च अर सरकारी-गैरसरकारी भागीदारी क अमर जोड़ तैं अच्काल फेविकोल का जोड़ नाम दिए गे. सरकार गिरी जाली पण मजाल च ट्रांसफर उद्योग मा सरकारी-गैरसरकारी भागीदारी पर क्वी अटवाँस/अड़चन ऐ जाओ धौं! यू उद्योग अविचलित/अविरल तरां से चलदो.
सरकारी कामगत्युं तबादला/ट्रांसफर उद्यम मा गैर सरकारी भागीदारी तैं कथगा इ नाम दिए अवश्य जान्दन जन कि मिड्डल मैन, पावर ब्रोकर, अर सरकारी कारिन्दा जु अपण ट्रांसफर सरकारी नियम विरुद्ध करान्दन, जु अपण ट्रांसफर अपण पसर/ सुविधा क बान करान्दन या ट्रांसफर रुक्वांदन अर जो ट्रांसफर करदन, दुई सरकारी जात यूँ गैर सरकारी मिड्डलमैन या पावर ब्रोकर तैं बड़ा सम्मान कि दृष्टि से दिखदन अर यूँ गैरसरकारी बिचौलियों तैं बढिया दक्षिणा दींण मा कंजूसी नि करदन. सरकारी कर्मचार्युं बस चौलु त य़ी गैर सरकारी ट्रांसफर एजेंटू तैं पद्म अवार्ड बि देद्यावन. अर ह्व़े बि सकदो बल कत्यूं मीली बि गे होलू सामाजिक कार्य करता क नाम पर.
उत्तराखंड जन राज्य जु घूस जन सांस्कृतिक धरोहर उत्तरप्रदेश बिटेन लैन अर घूस रुपी सांस्कृतिक धरोहर तैं उत्तर प्रदेश से बि बढिया ढंग से संरक्षण ही नि दीणा छन बल्कण यीं घूस, ब्राइबरी जन सास्‍कृतिक जामा देकी विकसित बि करणा छन वै राज्य क बारा मा इन सुणे जांद बल ट्रांसफर उद्योग तैं मुख्य मंत्री बि संरक्षण दीन्दन. हाँ बस या बात खबरूं मा ही सुणे जै सक्यांद किलै कि न्याय निसाब या च जब तलक साबित नि ह्वाऊ तब तलक कै पर उन्नी भगार/लांछन लगाण पाप त नी च, पर गैर कानूनी च. इन सुणे जांद बल हरेक मंत्रालय मा ट्रांसफर/तबादला ट्रान्सफर फीस का नाम से नि लिए जांद बलकण पार्टी फंड का नाम पर ट्रान्सफर घूस लिए जांद. मीन विकीलीक का कथगा इ ब्लौग बांचिन पण वो बि ये मामला मा चुप इ छन. खैर जो बि ह्वाऊ इन जरोर बुले जांद बल ट्रांसफर घूस से राजनीतिग्य अर ब्यूरोक्रेट दुई खुस छन अर आण वल़ा सौ सालुं मा भारी से भारी लोकपाल या लोकायुक्त विधेयक बि ट्रान्सफर उद्योग तैं नि निमाड़ी सकदन, खतम नि करी सकदन.
अरे जु आत्मा जस चेतना मा होऊ वै उद्यम तैं कु ख़तम कौरी सकद भै ! जु उद्योग छें च पण जैको आदि-अंत इ पता नि चौल त वै उद्यम तै क्वी बि कानूंन क्या ख़तम कॉरल?
@ Bhishm Kukreti

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