Year: 2010
हम त गढ़वळी……
हम त गढ़वळी छां भैजी दूर परदेस कखि बि हम तैं क्यांकि शरम अब त अलग च राज हमरु अलग…
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हिन्दी-कविता
गिर्दा !! (हिन्दी कविता)
गिर्दा तुम याद आओगे जब भी लाट साहबों के फ़रमान मानवीयता की हदें तोड़ेंगे जब भी दरकेंगे समाज किसी परियोजना…
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गढ़वाली-कविता
जलम्यां कु गर्व (हिन्दी कविता)
गर्व च हम यिं धरती मा जल्म्यां उत्तराखण्डी बच्योंण कु देवभूमि अर वीर भूमि मा सच्च का दगड़ा होण कु…
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गढ़वाली-कविता
प्रीत खुजैई (हिन्दी कविता)
रीतु न जै रेप्रीत खुजैईमेरा मुलकै किसमोण लिजैईरीतु न जै रे फुलूं कि गल्वड़्यों माभौंरौं कु प्यारहर्याळीन् लकदकडांड्यों कि अन्वारछोयों…
Read More » शैद
उजाड़ी द्या युंका चुलड़ौं शैद, मौन टुटी जावू खैंणद्या मरच्वाड़ा युंका शैद, आंखा खुलि जौंन रात बासा रौंण न द्या…
Read More »गैरा बिटि सैंणा मा (गढवाली कविता)
हे द्यूरा! स्य राजधनि गैरसैंण कब तलै ऐ जाली?बस्स बौजि! जै दिन तुमरि-मेरि अर हमरा ननतिनों का ननतिनों कि लटुलि…
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यात्रा-पर्यटन
पारंपरिक मिजाज को जिंदा रखे हुए एक गांव..
हेरिटेज विलेज माणा हिमालयी दुरूहताओं के बीच भी अपने सांस्कृतिक व पारंपरिक मिजाज को जिंदा रखे हुए एक गांव… हिमालय…
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फिल्म-संगीत
इस दौर की ‘फूहड़ता’ में साफ सुथरी ऑडियो एलबम है ‘रवांई की राजुला’
नवोदित भागीरथी फिल्मस ने ऑडियो एलबम ‘रवांई की राजुला’ की प्रस्तुति के जरिये पहाड़ी गीत-संगीत की दुनिया में अपना पहला…
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हिन्दी-कविता
युद्ध में पहाड़ (हिन्दी कविता)
मेरे देश का सैनिकपहाड़ था पहाड़ हैटूट सकता हैझुक नहीं सकता उसकी अभिव्यक्ति, उसकी भक्तिउसका साहस, उसकी शक्तिउसकी वीरता, उसका…
Read More » मुट्ठियों को तान दो (हिन्दी कविता)
मुट्ठियां भींचो मगरमुट्ठियों में लावा भरकरमुट्ठियों को तान दो दुर व्यवस्था के खिलाफ़इस हवा को रूद्ध कर दोमुट्ठियां विरूद्ध कर…
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