Year: 2010
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फिल्म-संगीत
गैरसैंण की अपील ‘सलाण्या स्यळी’
अप्रतिम लोककवि, गीतकार अर गायक नरेन्द्र सिंह नेगी कु लेटेस्ट म्यूजिक एलबम ‘सलाण्या स्यळी’ मंनोरंजन का दगड़ ही उत्तराखण्ड राज्य…
Read More » मार येक खैड़ै (गढवाली कविता)
तिन बोट बि दियाली तिन नेता बि बणैयाली अब तेरि नि सुणदु त मार येक खैड़ै ब्याळी वु हात ज्वड़दु…
Read More »पांसा (गढवाली कविता)
1 रावण धरदा बनि-बनि रुप राम गयां छन भैर चुरेड चुडी पैरौणान सीता देळी मु बैठीं डौर 2 अफ्वीं बुलौंदी…
Read More »म्यारा डेरम (गढवाली कविता)
म्यारा डेरम गणेश च चांदरु नि नारेण च पुजदारु नि उरख्याळी च कुटदारु नि जांदरी च पिसदारु नि डौंर थाळी…
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फिल्म-संगीत
पहाड़ का आधुनिक चेहरा है ‘तेरी आँख्यूं देखी’
रामा कैसटस् प्रस्तुत ऑडियो-वीडियो ”तेरी आँख्यूं देखी” से गढ़वाली गीत-संगीत के धरातल पर बहुमुखी प्रतिभा नवोदित संजय पाल और लक्ष्मी…
Read More » भैजी !!
कंप्यूटर पर न खुज्यावा पहाड़ थैं पहाड़ ऐकि देखिल्यावा पहाड़ थैं सुबेर ह्वेगे, कविलासूं बटि गुठ्यार तक खगटाणिन् तब्बि दंतुड़ी,…
Read More »र्स्वग च मेरू पहाड़ (गढवाली कविता)
गौं मा पाणि नि पाणि नि त मंगरा नि मंगरा नि त धैन-चैन नि धैन-चैन नि त धाण नि धाण…
Read More »घौर औणू छौं (गढवाली कविता)
उत्तराखण्ड जग्वाळ रै मैं घौर औणू छौं परदेस मा अबारि बि मि त्वे समळौणू छौं दनकी कि ऐगे छौ मि…
Read More »हिकमत न छोड़ (गढवाली कविता)
थौ बिसौण कू चा उंदारि उंद दौड़ उकाळ उकळं कि तब्बि हिकमत न छोड़ तिन जाणै जा कखि उंड-फंडु चलि…
Read More »सुबेर होण ई च (गढवाली कविता)
अन्धेरा तू जाग्यूं रौ, भोळ त सुबेर होण ई च। सेक्की तेरि तब तलक, राज तिन ख्वोण ई च॥ आज…
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