Year: 2011
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पहाड़ के उजड़ते गाँव का सवाल विकास की चुनौतियाँ और संभावनाएं
उत्तराखंड की लगभग 70 प्रतिशत आबादी गाँव मैं निवास करती है 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश मैं लगभग…
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गढवाली भाषा साहित्य में साक्षात्कार की परम्परा
Intervies in garhwali Literature (गढवाली गद्य -भाग 3) साक्षात्कार किसी भी भाषा साहित्य में एक महत्वपूर्ण विधा और अभिवक्ति की…
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आधुनिक गढवाली भाषा कहानियों की विशेषतायें और कथाकार
(Characteristics of Modern Garhwali Fiction and its Story Tellers) कथा कहना और कथा सुनना मनुष्य का एक अभिन्न मानवीय गुण…
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छपेली नृत्य गीत
गढवाल कुमाओं का एक प्रसिद्ध नृत्य गीत शैली मदुली च बांद, हिराहिर मदुली स्याळी : बाखरो को सांको बल बाखरो…
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चांचरी लोकगीत
चंदी गड़ी बंदी सुआ, चंदी गड़ी बंदी कैकी सुआ होली इनी, लगुली सि लफन्दी, दीवा जन जोतअ, दीवा जन जोतअ…
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साहित्य
गढ़वाली बोलने, सीखने को प्रेरित करती किताब
गढ़वाली भाषा की शब्द-संपदा इन दिनों रमाकांत बेंजवाल की गढ़वाली भाषा पर आधारित पुस्तक ‘गढ़वाली भाषा की शब्द-संपदा’ बेहद चर्चा…
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डायरी
बारिश में भीगता दिन
बीती रात से ही मूसलाधार बारिश रुक रुककर हो रही थी. सुबह काम पर निकला तो शहरभर में आम दिनों…
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हाल (गढ़वाली कविता)
दाऽस्यु बीतिआजादी कुपचासुं सालऊंड फुंड्वाखादी झाड़िकबणिगेन मालामाल/ अरहम स्यु छवांआज बिथेकळौं पर थेकळा धारिकुगत, कुहाल/ अरकंगाल Source : Jyundal (A…
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गौं तलक (गढ़वाली कविता)
सड़क पौंछिगे मेरा गौंमोटर, कार, गाड़ीफैशन, नै रौ रिवाजफास्ट फूड, बर्गरहिन्दी, अंग्रेजीज्यांकू ब्वल्दन् बल किसौब धाणिपौंछिगे मेरा गौं नि पौंछी…
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सहकार से बचेंगी लोकभाषायें
उत्तराखण्ड भाषा संस्थान ने पिछले दिनों राजधानी देहरादून में लोकभाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित…
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