Month: August 2016
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हुजुर !! मुझे गेस्ट राजधानी न बना देना…
मैं गैरसैण हूं…. । राज्य बने हुये 16 बरस बीत जाने को है, लेकिन आज भी राजधानी के नाम पर…
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काफल पाको ! मिन नि चाखो
‘काफल‘ एक लोककथा उत्तराखंड के एक गांव में एक विधवा औरत और उसकी 6-7 साल की बेटी रहते थे। गरीबी में किसी तरह दोनों…
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सामयिक गीतों से दिलों में बसे ‘नेगी’
अप्रतिम लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के उत्तराखंड से लेकर देश दुनिया में चमकने के कई कारक माने जाते हैं.…
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सिल्वर स्क्रीन पर उभरीं अवैध खनन की परतें
फिल्म समीक्षा गढ़वाली फीचर फिल्म उत्तराखंड में ‘अवैध खनन’ सिर्फ राजनीतिक मुद्दा भर नहीं है। बल्कि, यह पहाड़ों, नदियों, गाड-गदेरों…
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