Year: 2017
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गेस्ट-कॉर्नर
भांग की खेती के हैं कई फायदे
उत्तराखंड की पूर्ववर्ती सरकार ने कारोबारी तौर पर भांग की खेती के लिए कदम उठाए ही थे, कि भद्रजनों और…
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हिन्दी-कविता
जादूगर खेल दिखाता है
जादूगर खेल दिखाता हैअपने कोट की जेब सेनिकालता है एक सूर्ख फूलऔर बदल देता है उसे पलकझपकते ही नुकीले चाकू…
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आलेख
‘लोक’ की भाषा और संस्कृति को समर्पित किरदार
ब्यालि उरडी आई फ्योंलीसब झैड़गेन/किनगोड़ा,छन आज भी हंसणा…।बर्सु बाद मी घौर गौं,अर मेरि सेयिं कुड़ि बिजीगे…।जंदरि सि रिटणि रैंद,नाज जन…
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आजकल
17 साल बाद भी क्यों ‘गैर’ है ‘गैरसैंण’
गैरसैंण एकबार फिर से सुर्खियों में है। उसे स्थायी राजधानी का ओहदा मिल रहा है? जी नहीं! अभी इसकी दूर…
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यात्रा-पर्यटन
उत्तराखंड में एक और फूलों की घाटी ‘चिनाप’
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी से तो हर कोई परिचित है। लेकिन इससे इतर एक और फूलों की जन्नत है…
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शिकायतें तब भी थीं, अब भी हैं
उत्तराखंड अलग राज्य बनने से पहले यूपी सरकार को लेकर जितनी शिकायतें ‘पर्वतजन’ के मानस पर अंकित थीं, उससे कहीं…
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आजकल
सिर्फ आलोचना करके तो नहीं जीत सकते
उत्तराखंड क्रांति दल खुद को अपनी ‘आंदोलनकारी संगठन’ की छवि से मुक्त कर एक जिम्मेदार और परिपक्व राजनीतिक पार्टी के…
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यात्रा-पर्यटन
जहां बिखरी है कुदरत की बेपनाह खूबसूरती
उत्तराखंड के हिमालय में कई छोटे-बड़े बुग्याल मौजूद हैं। औली, गोरसों बुग्याल, बेदनी बुग्याल, दयारा बुग्याल, पंवालीकांठा, चोपता, दुगलबिट्टा सहित…
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ओ साओ ! तुम कैक छा ?
पहाड़ के रसूल हमताजोव हैं शेरदा अनपढ़ तुम सुख में लोटी रया, हम दुःख में पोती रयां ! तुम स्वर्ग,…
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दाज्यू मैं गांव का ठैरा
अनिल कार्की// पहाड़ में रहता हूं गांव का ठैरादाज्यू मैं तो पीपल की छांव सा ठैरा ओल्ले घर में हाथ…
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