हिन्दी-कविता
नन्हें पौधे (हिंदी कविता)
प्लास्टिक की थैलियों में उगे
नन्हें पौधे
आपकी तरह ही
युवा होना चाहते हैं
दशकों के बाद
बुढ़ा जाने की नहीं चिन्ता उन्हें
चुंकि, तब तक कई मासूमों को
जन्म दे चुके होंगे वे
दे चुके होंगे
हवा, पानी, लकड़ी, जीवन
और दुसरों के लिए
जीने की सोच…..
तनों को मजबूत करने को
जड़ों को गहरे जमाने की सीख…..
अवसाद को सोखने का जज्बा
क्या इतना काफ़ी नहीं है
एक पेड़ लगाने की वजह
सर्वाधिकार – धनेश कोठारी