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संस्कृति
इस गांव में आज भी निभाई जा रही मामा पौणा की परंपरा
• शीशपाल गुसाईं Mama Pauna Tradition : सदियों से चली आ रही मामा पौणा (मामा मेहमान) की प्रथा नरेंद्रनगर ब्लॉक…
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कहानियां
गढ़वाली कहानीः छठों भै कठैत की हत्या!
प्रतीकात्मक चित्र • भीष्म कुकरेती / हौर क्वी हूंद त डौरन वैक पराण सूकि जांद पण मेहरबान सिंग कठैत…
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साहित्य
समीक्षाः जीवन के चित्रों की कथा है ‘आवाज रोशनी है’
बचपन की स्मृतियां कभी पीछा नहीं छोड़तीं। कितना भी कहते रहो ’छाया मत छूना मन’ मन दौड़ता रहता है दादी,…
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आलेख
कंडाळी (बिच्छू घास) के अनेकों फायदे
– डॉ. बलबीर सिंह रावत कंडळी, (Urtica dioica), बिच्छू घास, सिस्नु, सोई, एक तिरस्कृत पौधा, जिसकी ज़िंदा रहने की शक्ति…
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साहित्य
गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी की शब्दावली में विदेशी शब्द
संकलन- भीष्म कुकरेती अरबी और इरानी शब्द अ- अक्षर से शब्द – अदब , अमरुद , अब्बल , असर ,…
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फिल्म-संगीत
‘इमोशन’ की डोर से बंधी ‘खैरी का दिन’ (Garhwali Film)
भारतीय सिनेमा के हर दौर में सौतेले भाई के बलिदान की कहानियां रुपहले पर्दे पर अवतरित होती रही हैं। हालिया…
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आलेख
जसपुर के बहुगुणाओं का ज्योतिष टीका साहित्य- 3
• भीष्म कुकरेती यह लेखक हिंदी टीकाओं से गढ़वाली शब्दों की खोज कर रहा था कि उसे कुछ पंक्तियों…
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आलेख
जसपुर के बहुगुणाओं का गढ़वाली साहित्य में योगदान- 2
• भीष्म कुकरेती अन्य दो गढ़वाली में टीका के पृष्ठ जो मुझे प्राप्त हुए उनसे लगता है कि ये…
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साहित्य
जसपुर के बहुगुणाओं का गढ़वाली टीका साहित्य में योगदान
• भीष्म कुकरेती गढ़वाली साहित्यकार एवं इतिहासकार अबोध बंधु बहुगुणा ने ’गाड म्यटेकी गंगा’ पुस्तक में संस्कृत ज्योतिष व कर्मकांड…
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हिन्दी-कविता
माँ अब कुछ नहीं कहती – (हिंदी कविता)
माँअब कभी-कभीआती है सपनों मेंचुप रहती है,कुछ नहीं कहती माँसुनाती थी बातों-बातों मेंजीवन के कई हिस्सेसुने हुए कई किस्सेभोगे हुए…
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