आजकल
क्या यह चिंताएं वाजिब लगती हैं..
कोश्यारी जी को चिंता है कि यदि आपदा प्रभावित गांवों को जल्द राहत नहीं दी गई तो नौजवान माओवादी हो…
Read More »कौन संभालेगा पहाड़ों को…
अब तक या कहें आगे भी पलायन पहाड़ की बड़ी चिंता में शामिल रहा, और रहेगा। मगर अब एक और…
Read More »वाह रे लोकतंत्र के चौथे खंभे
कभी कभी मुझे यह सवाल कचोटता है कि आखिर हम पत्रकारिता किसके लिए कर रहे हैं। निश्चित ही इसके कई-कई…
Read More »बाबा, बाबा आप कहां हैं..
उत्तराखंड में जलप्रलय के बाद मचा तांडव हमारे अतीत के साथ ही भविष्य को भी बहा ले गया। कहर की…
Read More »मूर्ति के बहने का राष्ट्रीय शोक
ऋषिकेश में एक मूर्ति बही तो देश का पूरा मीडिया ने आसमान सर पर उठा लिया। खासकर तब जब वह…
Read More »नेगी को ध्वजवाहक बताना कितना सही
उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी इन दिनों अपनी बिरादरी के निशाने पर हैं। उत्तराखंड के एक अन्य गायक…
Read More »आखिर कब तक बनेंगे दूसरों की ढाल
आखिर हम कब तक दूसरों के अतिरेक में घिरे रहेंगे, कभी किसी नेता के आभामंडल में, कभी किसी दल के,…
Read More »आप सभी सुधि पाठकों का आभार
11000 से अधिक लोगों द्वारा बोल पहाड़ी ब्लॉग का अवलोकन करने और समय-समय पर पीठ थपथपाने के लिए मैं आप…
Read More »हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए..
हमने आवाजें उठाई, मुट्ठियां भींची लहराई, ललकारा, लड़े भीड़े तो एक अलग राज्य को हासिल किया। मगर, फिर जुदा होने…
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बारिश में भीगता दिन
बीती रात से ही मूसलाधार बारिश रुक रुककर हो रही थी. सुबह काम पर निकला तो शहरभर में आम दिनों…
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