आजकल
आप सभी का आभार
11000 से अधिक लोगों द्वारा बोल पहाड़ी ब्लॉग का अवलोकन करने और समय-समय पर पीठ थपथपाने के लिए मैं आप सभी सुधि पाठकों का तहेदिल से शुक्र गुजार हूं। उम्मीद करता हूं कि विजिट करने के साथ आपका स्नेह विचारों, शब्दों, मार्गदर्शन और समालोचना के रुप में भी मिलेगा। बोल पहाड़ी का मकसद ही है कि वह अपने लोक जीवन को साथ लेकर चलते हुए उसके भविष्य को भी विचारों से पैनी धार दे, ताकि उत्तराखंड की मूल अवधारणा साकार हो सके है।
आईए बोलने की आदत डालें …. जमकर बोलने की….. जो पहाड़ों की संस्कृती, सामाजिकता, परंपराओं को सहेजते हुए विकास में अपना कुछ न कुछ योगदान दे सके।
एक बार फिर आप सभी पाठक वृंदों का साधुवाद।