गढ़वाली-कविता
सिखै (गढ़वाली कविता)
सि
हमरा बीच बजार
दुकानि खोली
भैजी अर भुला
ब्वन्न सिखीगेन
मि
देळी भैर जैकि
भैजी अर भुला
ब्वन्न मा
शर्माणूं सिखीग्यों
Copyright@ Dhanesh Kothari
सि
हमरा बीच बजार
दुकानि खोली
भैजी अर भुला
ब्वन्न सिखीगेन
मि
देळी भैर जैकि
भैजी अर भुला
ब्वन्न मा
शर्माणूं सिखीग्यों
Copyright@ Dhanesh Kothari
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