गढ़वाली-कविता
सर्ग दिदा
सर्ग दिदा पाणि पाणि
हमरि विपदा तिन क्य जाणि
रात रड़िन् डांडा-कांठा
दिन बौगिन् हमरि गाणि
उंदार दनकि आज-भोळ
उकाळ खुणि खैंचा-ताणि
बांजा पुंगड़ौं खौड़ कत्यार
सेरौं मा टर्कदीन् स्याणि
झोंतू जुपलु त्वे ठड्योणा
तेरा ध्यान मा त् राजा राणि
धनेश कोठारी
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हमरि विपदा तिन क्य जाणि
रात रड़िन् डांडा-कांठा
दिन बौगिन् हमरि गाणि
उंदार दनकि आज-भोळ
उकाळ खुणि खैंचा-ताणि
बांजा पुंगड़ौं खौड़ कत्यार
सेरौं मा टर्कदीन् स्याणि
झोंतू जुपलु त्वे ठड्योणा
तेरा ध्यान मा त् राजा राणि
धनेश कोठारी
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