Month: November 2017
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जादूगर खेल दिखाता है
जादूगर खेल दिखाता है अपने कोट की जेब से निकालता है एक सूर्ख फूल और बदल देता है उसे पलक…
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‘लोक’ की भाषा और संस्कृति को समर्पित किरदार
ब्यालि उरडी आई फ्योंली सब झैड़गेन/किनगोड़ा, छन आज भी हंसणा…। बर्सु बाद मी घौर गौं, अर मेरि सेयिं कुड़ि बिजीगे…।…
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17 साल बाद भी क्यों ‘गैर’ है ‘गैरसैंण’
गैरसैंण एकबार फिर से सुर्खियों में है। उसे स्थायी राजधानी का ओहदा मिल रहा है? जी नहीं! अभी इसकी दूर…
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यात्रा-पर्यटन
उत्तराखंड में एक और फूलों की घाटी ‘चिनाप’
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी से तो हर कोई परिचित है। लेकिन इससे इतर एक और फूलों की जन्नत है…
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