आलेख
-
गढ़वाल में क्या है ब्राह्मण जातियों का इतिहास- (भाग 1)
संकलन – नवीन नौटियाल उत्तराखंड के गढ़वाल (मंडल) परिक्षेत्र में अनेकों जातियों का निवास है। उनका इतिहास हमारी धरोहर…
Read More » -
महज 4 खेतों में उगा दी 27 तरह की फसलें
हिमालयी राज्य उत्तराखंड में ‘‘चिपको’’ और ‘‘बीज बचाओ’’ आंदोलन की प्रयोग भूमि जनपद टिहरी की ‘‘हेंवल घाटी’’ का रामपुर गांव।…
Read More » -
मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं…! (भाग – 2)
हां, मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं! मैं अब बूढ़ा हो चला हूं। लेकिन मैं इतना कमजोर भी नहीं की मृत्यु के…
Read More » -
मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं..!
मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं..! पहचाना मुझे… क्यों नहीं पहचानोगे… आखिर आपने और आपकी पीढ़ियों ने एक नहीं बल्कि कई बार…
Read More » -
मजबूत इच्छाशक्ति से मिला ‘महेशानन्द को मुकाम
डॉ. अरुण कुकसाल // ‘गांव में डड्वार मांगने गई मेरी मां जब घर वापस आई तो उसकी आखें आसूओं से…
Read More » -
‘काफल’ नहीं खाया तो क्या खाया?
देवेश आदमी // ************** ‘काफल’ (वैज्ञानिक नाम- मिरिका एस्कुलेंटा – myrica esculat) एक लोकप्रिय पहाड़ी फल है। इस फल में…
Read More » -
नक्षत्र वेधशाला को विकसित करने की जरूरत
अखिलेश अलखनियां/- सन् 1946 में शोधार्थियों और खगोलशास्त्र के जिज्ञासुओं के लिए आचार्य चक्रधर जोशी जी द्वारा दिव्य तीर्थ देवप्रयाग…
Read More » -
गढ़वाली-कुमाउंनी फिल्मों के लिए विश्व सिनेमा की प्रासंगिकता
– भीष्म कुकरेती प्रसिद्ध डौक्युमेंट्री रचनाधर्मी पॉल रोथा का सन 1930 में कहा थां जो आज भी तर्कसंगत है कि…
Read More » -
उत्तराखंड में पारंपरिक बीज भंडारण विधियां और उपकरण
मेरे लिए उत्तराखंड अपने अद्भुत व समृद्ध पारंपरिक ज्ञान के लिए हमेशा से एक शोध का विषय रहा है आज…
Read More » -
नई इबारत का वक्त
हाल के वर्षों में पहाड़ों में रिवर्स माइग्रेशन एक उम्मीद बनकर उभरा है। प्रवासी युवाओं का वापस पहाड़ों की तरफ…
Read More »