आलेख
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मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं..!
मैं लक्ष्मणझूला सेतु हूं..! पहचाना मुझे… क्यों नहीं पहचानोगे… आखिर आपने और आपकी पीढ़ियों ने एक नहीं बल्कि कई बार…
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मजबूत इच्छाशक्ति से मिला ‘महेशानन्द को मुकाम
‘गांव में डड्वार मांगने गई मेरी मां जब घर वापस आई तो उसकी आखें आसूओं से ड़बडबाई हुई और हाथ…
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‘काफल’ नहीं खाया तो क्या खाया?
‘काफल’ (वैज्ञानिक नाम- मिरिका एस्कुलेंटा – myrica esculat) एक लोकप्रिय पहाड़ी फल है। इस फल में अनेकों पौस्टिक आहार छिपे…
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नक्षत्र वेधशाला को विकसित करने की जरूरत
सन् 1946 में शोधार्थियों और खगोलशास्त्र के जिज्ञासुओं के लिए आचार्य चक्रधर जोशी जी द्वारा दिव्य तीर्थ देवप्रयाग में स्थापित…
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गढ़वाली-कुमाउंनी फिल्मों के लिए विश्व सिनेमा की प्रासंगिकता
प्रसिद्ध डौक्युमेंट्री रचनाधर्मी पॉल रोथा का सन 1930 में कहा थां जो आज भी तर्कसंगत है कि सिनेमा कला और…
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उत्तराखंड में पारंपरिक बीज भंडारण विधियां और उपकरण
मेरे लिए उत्तराखंड अपने अद्भुत व समृद्ध पारंपरिक ज्ञान के लिए हमेशा से एक शोध का विषय रहा है आज…
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नई इबारत का वक्त
हाल के वर्षों में पहाड़ों में रिवर्स माइग्रेशन एक उम्मीद बनकर उभरा है। प्रवासी युवाओं का वापस पहाड़ों की तरफ…
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बारहनाजा : पर्वतजनों के पूर्वजों की सोच की उपज
उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य तथा अनुकूल जलवायु होने के कारण एक कृषि प्रधान राज्य भी माना जाता रहा है। सामान्यतः…
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पहाड़ फिर करवट ले रहा है
पहाड़ फिर करवट ले रहा है। युवा चेतना के साथ। वह बेहतर समाज के सपने संजोना चाहता है। वह समतामूलक…
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‘लोक’ की भाषा और संस्कृति को समर्पित किरदार
ब्यालि उरडी आई फ्योंलीसब झैड़गेन/किनगोड़ा,छन आज भी हंसणा…।बर्सु बाद मी घौर गौं,अर मेरि सेयिं कुड़ि बिजीगे…।जंदरि सि रिटणि रैंद,नाज जन…
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