साहित्य
गढवाली भाषा में पुस्तक समीक्षायें
ऐसा लगता है कि गढवाली भाषा की पुस्तकों की समीक्षा/समालोचना सं. 1985 तक बिलकुल ही नही था, कारण गढवाली भाषा…
Read More »रचना संग्रहों में भूमिका लेखन
पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित समीक्षा का जीवनकाल बहुत कम रहता है और फिर पत्र पत्रिकाओं के वितरण समस्या व रख…
Read More »गढवाली भाषा में समालोचना/आलोचना/समीक्षा साहित्य
(गढवाली अकथात्मक गद्य-३) (Criticism in Garhwali Literature) यद्यपि आधिनिक गढवाली साहित्य उन्नीसवीं सदी के अंत व बीसवीं सदी के प्रथम…
Read More »गढवाली भाषा साहित्य में साक्षात्कार की परम्परा
Intervies in garhwali Literature (गढवाली गद्य -भाग 3) साक्षात्कार किसी भी भाषा साहित्य में एक महत्वपूर्ण विधा और अभिवक्ति की…
Read More »आधुनिक गढवाली भाषा कहानियों की विशेषतायें और कथाकार
(Characteristics of Modern Garhwali Fiction and its Story Tellers) कथा कहना और कथा सुनना मनुष्य का एक अभिन्न मानवीय गुण…
Read More »-

गढ़वाली बोलने, सीखने को प्रेरित करती किताब
गढ़वाली भाषा की शब्द-संपदा इन दिनों रमाकांत बेंजवाल की गढ़वाली भाषा पर आधारित पुस्तक ‘गढ़वाली भाषा की शब्द-संपदा’ बेहद चर्चा…
Read More » हाल (गढ़वाली कविता)
दाऽस्यु बीतिआजादी कुपचासुं सालऊंड फुंड्वाखादी झाड़िकबणिगेन मालामाल/ अरहम स्यु छवांआज बिथेकळौं पर थेकळा धारिकुगत, कुहाल/ अरकंगाल Source : Jyundal (A…
Read More »गौं तलक (गढ़वाली कविता)
सड़क पौंछिगे मेरा गौंमोटर, कार, गाड़ीफैशन, नै रौ रिवाजफास्ट फूड, बर्गरहिन्दी, अंग्रेजीज्यांकू ब्वल्दन् बल किसौब धाणिपौंछिगे मेरा गौं नि पौंछी…
Read More »नदी क्यों सिखाया मुझे (हिन्दी कविता)
नदी !तुने क्यों सिखा दिया मुझेअपनी तरह बहने का पाठसब कुछ बहाने की आदत क्यों ? प्रश्रय दियापहाड़ों से निकलमैदानों…
Read More »बदलौअ (गढ़वाली कविता)
जंगळ् बाघूं कु अब जंगळ् ह्वेगेन जब बिटि जंगळ् हम खुणि पर्यटक स्थल ह्वेगेन बंदुक लेक हम जंगळ् गयां बाग/गौं…
Read More »
