साहित्य
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गिर्दा !! (हिन्दी कविता)
गिर्दा तुम याद आओगे जब भी लाट साहबों के फ़रमान मानवीयता की हदें तोड़ेंगे जब भी दरकेंगे समाज किसी परियोजना…
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जलम्यां कु गर्व (हिन्दी कविता)
गर्व च हम यिं धरती मा जल्म्यां उत्तराखण्डी बच्योंण कु देवभूमि अर वीर भूमि मा सच्च का दगड़ा होण कु…
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प्रीत खुजैई (हिन्दी कविता)
रीतु न जै रेप्रीत खुजैईमेरा मुलकै किसमोण लिजैईरीतु न जै रे फुलूं कि गल्वड़्यों माभौंरौं कु प्यारहर्याळीन् लकदकडांड्यों कि अन्वारछोयों…
Read More » शैद
उजाड़ी द्या युंका चुलड़ौं शैद, मौन टुटी जावू खैंणद्या मरच्वाड़ा युंका शैद, आंखा खुलि जौंन रात बासा रौंण न द्या…
Read More »गैरा बिटि सैंणा मा (गढवाली कविता)
हे द्यूरा! स्य राजधनि गैरसैंण कब तलै ऐ जाली?बस्स बौजि! जै दिन तुमरि-मेरि अर हमरा ननतिनों का ननतिनों कि लटुलि…
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युद्ध में पहाड़ (हिन्दी कविता)
मेरे देश का सैनिकपहाड़ था पहाड़ हैटूट सकता हैझुक नहीं सकता उसकी अभिव्यक्ति, उसकी भक्तिउसका साहस, उसकी शक्तिउसकी वीरता, उसका…
Read More » मुट्ठियों को तान दो (हिन्दी कविता)
मुट्ठियां भींचो मगरमुट्ठियों में लावा भरकरमुट्ठियों को तान दो दुर व्यवस्था के खिलाफ़इस हवा को रूद्ध कर दोमुट्ठियां विरूद्ध कर…
Read More »आवाज (हिन्दी कविता)
तुम्हारे शब्दमेरे शब्दों से मिलते हैंहमारा मौन टुटतानजर भी आता हैवो तानाशाह हैहमारी देहरी परहम अपनी मांद से निकलेंतो बात…
Read More »बसन्त (हिंदी कविता)
बसन्त हर बार चले आते हो ह्यूंद की ठिणी से निकल गुनगुने माघ में बुराँस सा सुर्ख होकर बसन्त दूर…
Read More »नन्हें पौधे (हिंदी कविता)
प्लास्टिक की थैलियों में उगे नन्हें पौधे आपकी तरह ही युवा होना चाहते हैं दशकों के बाद बुढ़ा जाने की…
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